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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में चले लात-घूंसे

हमें फॉलो करें जम्मू-कश्मीर विधानसभा में चले लात-घूंसे

सुरेश एस डुग्गर

, शुक्रवार, 27 मार्च 2015 (19:00 IST)
जम्मू। जम्मू कश्मीर विधानसभा में शुक्रवार को विधायकों के बीच चले लात-घूंसों के कारण एक विधायक को मामूली चोटें आई हैं। हाथापाई की इस कार्रवाई के कारण विधानसभा दो बार स्थगित करनी पड़ी थी जबकि विधानसभा की कार्रवाई को देखने आए स्कूली बच्चे ऐसा नजारा देख हैरान रह गए।
 
विधानसभा और विधान परिषद में उस समय हालात बेकाबू हो गए जब विधायकों में आपस में हाथापाई शुरू हो गई। नेशनल कांफ्रेंस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सदन में पॉवर प्रोजेक्ट्स का मामला उठाया।
 
उमर ने कहा कि भाजपा-पीडीपी साझा सरकार के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में कहा गया है कि केंद्र से पॉवर प्रोजेक्ट वापस लाए जाएंगे। उमर ने कहा कि केंद्र सरकार संसद में यह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि पॉवर प्रोजेक्ट किसी भी हाल में राज्य को वापस नहीं दिए जाएंगे।
 
इस मसले पर बहस बढ़ी और हालात बेकाबू हो गए। दो बार सदन की कार्रवाई को कुछ देर के लिए स्थगित किया गया, लेकिन जब तीसरी बार सदन की कार्रवाई शुरू की गई तो हंगामा ज्यादा बढ़ गया।
 
नेकां विधायकों ने विधानसभा और विधान परिषद दोनों सदनों में जमकर हंगामा काटा। विधानसभा में हंगामे के दौरान विधायक अब्दुल मजीद भट्ट लारमी भाजपा और पीडीपी विधायकों से हाथापाई पर उतर आए तो मार्शल ने उन्हें सदन से बाहर करने के लिए पकड़ा।
 
इस दौरान मार्शल और लारमी की खींचतान में लारमी मामूली रूप से घायल भी हो गए। वहीं विधान परिषद में भी नेकां सदस्यों ने जमकर हंगामा काटा।
 
इससे पूर्व नेशनल कांफ्रेंस समेत विपक्ष के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के विधायक दल के नेता उमर अब्दुल्ला ने प्रश्नकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि केंद्र ने कानूनी और वित्तीय पेचीदगियों का हवाला देकर राज्य की मेगा बिजली परियोजनाओं को राज्य को हस्तांतरित करने से इंकार कर दिया है। 
 
अब्दुल्ला ने कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भाजपा की सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम के इस प्रमुख एजंडे को लागू करने में नाकाम साबित हुई हैं। विपक्षी नेकां और कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भारी शोर-शराबा और हंगामा किया। नेकां के सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के समीप आकर हंगामा किया। विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे और हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष कवीन्द्र गुप्ता को कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
 
जानकारी के लिए जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन से पहले भाजपा और पीडीपी के कॉमन मीनिमम प्रोग्राम में यह शर्त भी रखी गई थी कि केंद्र सरकार रियासत से वापस लिए गए उड़ी, दुलहती और सलाल पॉवर प्रोजेक्ट को राज्य सरकार को वापस करेगा। मसले पर रियासत के डिप्टी सीएम निर्मलसिंह का कहना है कि केंद्रीय विद्युत मंत्री से बात की गई है अभी इस मसले पर हमारे पास कोई जानकारी नहीं है।
 
जिस समय सदन में हंगामा हुआ, उस समय सदन की कार्रवाई देखने के लिए कुछ स्कूली बच्चे भी पहुंचे थे। हंगामे के बाद बच्चों ने कहा कि हमें यहां आकर निराशा हुई, जिन लोगों के हाथों में हमने सत्ता दी है वह इस तरह से लड़ रहे हैं जैसे स्कूली बच्चे हों।
 
एक छात्र ने कहा कि सदन में हमारे पूर्व मुख्यमंत्री भी मौजूद थे, उन्हें विपक्ष को रोकना चाहिए था। पीडीपी प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि मुझे खेद है कि स्कूली बच्चे यहां से अच्छी बातें सीखकर नहीं जा रहे हैं।

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