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कश्मीर में फिर दिखे ISIS के झंडे

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सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में शुक्रवार को आंदोलन और पुलिस कार्रवाई के दो रंग देखने को मिले। दोनों ही मामलों में पुलिस को लाठीचार्ज तथा आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। पर दोनों ही अलग-अलग क्षेत्रों में अलग अलग विवाद थे। अगर जम्मू में पुलिस ने बंद समर्थकों पर लाठियां भांजी तो कश्मीर में उन लोगों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस छोड़ी जो पाकिस्तानी झंडे के साथ-साथ आईएसआईएस के झंडे फहरा रहे थे।
 
जम्मू क्षेत्र में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना की घोषणा में देरी को लेकर शुक्रवार को बुलाए गए तीन-दिवसीय बंद के पहले दिन पुलिस तथा प्रदर्शनकारियों में झड़पें हुई। प्रदर्शनकारी भाजपा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, जिन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शनकारी कच्ची छावनी इलाके में भाजपा के कार्यालय में घुसने की कोशिश कर रहे थे।
जम्मू क्षेत्र में एम्स की स्थापना के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से एक समन्वय समिति गठित की गई है, जिसमें वकीलों, व्यापारियों, उद्योगपतियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। समिति ने केंद्र सरकार पर जम्मू क्षेत्र में एम्स की स्थापना के वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए तीन-दिवसीय बंद बुलाया है, जिसकी शुरुआत शुक्रवार से हुई है।
 
बंद के कारण इलाके में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है, सार्वजनिक परिवहन तथा अन्य काम ठप हुआ है। हालांकि, सरकारी कार्यालय, बैंक और डाकघर में कामकाज सामान्य तरीके से हुआ। जम्मू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा समिति के प्रमुख अभिनव शर्मा ने गुरुवार मध्यरात्रि को जल्दबाजी में बुलाए गए प्रेस सम्मेलन के दौरान कहा कि जम्मू क्षेत्र 31 जुलाई तथा एक और दो अगस्त को बंद रहेगा।
 
दूसरी ओर श्रीनगर में शुक्रवार को जामा मस्जिद के बाहर आतंकी संगठन आईएसआईएस और लश्कर ए तैयबा और पाकिस्तान के झंडे लहराए गए। बताया जा रहा है कि जुम्मे की नमाज के बाद कुछ युवकों ने ये झंडे लहराते हुए भारत विरोधी नारेबाजी की। इसके अलावा, सुरक्षाकर्मियों पर पथराव भी किया।
 
उधर, जम्मू में एक अलगाववादी संगठन की प्रमुख आशिया अंद्राबी के नेतृत्व में याकूब की फांसी के खिलाफ निकाले गए मार्च में भारत विरोधी और पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी।
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ऐसा पांचवी बार था जब जुम्मे की नमाज के बाद आईएसआईएस और पाकिस्तान के झंडे लहराए गए। बताया जा रहा है कि जब वहां तैनात सुरक्षा बलों ने कश्मीरी युवकों को ऐसा करने से रोकने की कोशिश की तो उन पर पथराव भी किया गया। इस दौरान पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा।
 
झंडे लहराते हुए ये नौजवान मस्जिद के पास बने घरों की छत पर चढ़ गए। घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बता दें कि जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों ने शुक्रवार को याकूब की फांसी के विरोध में बंद बुलाया था। इससे पहले, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवायज उमर फारूक ने याकूब की फांसी को राजनीतिक साजिश करार दिया था।

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