श्रीनगर। कश्मीर वादी में बडगाम और अनंतनाग जिले में पत्थर फेंक रहे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच ताजा संघर्षों में मंगलवार को पांच लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। घाटी में कर्फ्यू, पाबंदियों और अलगाववादी समर्थित हड़ताल के कारण मंगलवार को लगातार 39वें दिन जनजीवन प्रभावित हुआ। इसके साथ ही घाटी में जारी अशांति में मरने वालों की संख्या बढ़कर 66 हो गई है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बडगाम जिले के मागम के अरीपठान इलाके में पत्थर फेंक रहे प्रदर्शनकारियों पर सीआरपीएफ के जवानों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और पांच घायल हो गए।
मृतकों की पहचान जावेद अहमद, मंजूर अहमद, मोहम्मद अशरफ और कौसर शेख के रूप में की गई है। आज सुबह मागम इलाके के अरीपठान में सीआरपीएफ के एक वाहन पर युवकों के एक समूह ने पथराव किया जिसके बाद यह घटना हुई। अनंतनाग जिले की जंगलात मंडी में हुई एक अन्य घटना में पांच लोग घायल हो गए।
एक अधिकारी ने बताया कि पत्थरबाजी कर रहे युवाओं के समूह को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों को गोली चलानी पड़ी जिसके चलते यह घटना हुई। उन्होंने बताया कि आमिर युसूफ नाम के एक घायल युवक की बाद में मौत हो गई।
इस बीच, पूरे श्रीनगर जिले और अनंतनाग शहर में कर्फ्यू जारी है जबकि घाटी के शेष हिस्से में प्रतिबंध जारी हैं। अधिकारी ने बताया कि घाटी के मुख्य बाजार स्थलों में नागरिकों के मारे जाने के विरोध में अलगाववादियों के धरने पर बैठने की योजना को नाकाम करने के लिए कर्फ्यू और प्रतिबंध लगाया गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐहतियाती उपाय के तौर पर पूरे श्रीनगर जिले और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग शहर में कर्फ्यू जारी है। अलगाववादियों के हड़ताल के आह्वान के कारण स्कूल, कॉलेज और निजी कार्यालय बंद रहे और सार्वजनिक वाहन सड़कों पर नजर नहीं आए। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति कम रही।
पूरी घाटी में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं ठप हैं। शनिवार की शाम को ब्रॉडब्रैंड सेवा को बंद कर दिया गया था जबकि उसी दिन देर रात में मोबाइल टेलीफोन सेवाएं भी निलंबित कर दी गई थीं। आठ जुलाई को सुरक्षा लों के साथ एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है। नौ जुलाई से शुरू हुए संघर्षों में दो पुलिसकर्मियों सहित 66 लोग मारे गए और कई हजार घायल हुए हैं।