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महबूबा बोली, गोली से नहीं बोली से सुलझाओ सभी मसले

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सुरेश डुग्गर

, शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2016 (23:34 IST)
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि शांति वार्ता के लिए अनुकूल वातावरण बनाना जरूरी है और इसके लिए आवश्यक है कि पाकिस्तान सीमा पार से घुसपैठ बंद करे। उन्होंने कहा कि सभी मसले गोली से नहीं बल्कि बोली से सुलझने चाहिए। याद रहे उनके अब्बाजान मुफ्ती मुहम्मद सईद भी यही कहा करते थे।
श्रीनगर में शुक्रवार को एक पुलिस समारोह की संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि पाकिस्तान को समझना होगा कि दोनों देशों की सीमा मिलती है और क्षेत्र में शांति बहाली के लिए बातचीत शुरू करनी होगी, जिसके लिए घुसपैठ बंद होनी चाहिए।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफ्सपा) कश्मीर घाटी से आतंकवाद के बंद होने पर ही हटाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हमें अफ्सपा को हटाना होगा। लेकिन इसके लिए हमें सहयोग की जरूरत है। हम इसे खास अंतराल पर कर सकते हैं, लेकिन पहले आतंकवाद को बंद करना होगा।
 
महबूबा मुफ्ती ने घाटी में पथराव करने वाले प्रदर्शनकारियों का विरोध करते हुए कहा कि इससे कश्मीर समस्या का हल नहीं निकलेगा। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपील की है कि स्थानीय आतंकियों को एनकाउंटर में मारने के बजाए उनकी मुख्य धारा में वापसी के प्रयास किए जाएं।
 
श्रीनगर में पुलिस बल के कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारे बच्चे जो आतंकवादी बन गए हैं, मैं पुलिस से अपील करती हूं कि ऐसी कोशिश की जाए कि वे वापस घर आएं। मुठभेड़ में मार गिराने के बजाए उन्हें वापस मुख्य धारा में जोड़ा जाए।
 
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस दौरान कहा कि उन बच्चों के हाथों में बंदूक के बजाए बैट और बॉल थमाया जाए, तो बेहतर होगा। मुख्यमंत्री ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) का जिक्र करते हुए कहा कि अफ्स्पा कानून जिससे सेना को विशेष ताकत मिलती है, जिससे वे शक होने पर किसी भी घर की तलाशी ले सकते हैं या फिर उन्हें हिरासत में ले सकते हैं, हमेशा के लिए नहीं है।
 
साथ ही मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि जम्मू-कश्मीर में शांति और सद्भाव का वातावरण बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं पैलेट गन पर प्रतिबंध लगाना चाहती हूं, लेकिन इसके लिए सरकार को आप लोगों का समर्थन चाहिए। हमेशा से हमारे बच्चों का ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हम किसी को उन पर पत्थर फेंककर बातचीत करने के लिए नहीं कह सकते। बातचीत के लिए पहले हमें आतंकवाद को रोकना होगा।
 
याद रहे हाल ही में सोशल मीडिया पर हिजबुल मुजाहीदीन के आतंकियों का एक वीडियो आया है, जिसमें वो किसी बाग में एक-दूसरे को गले लगा रहे हैं और बधाई दे रहे हैं। इससे आतंकी बुरहान वानी की याद ताजा हो गई थी, जो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहता था।
 
8 जुलाई को बुरहान वानी के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद से कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है. अब तक इन 96 से ज्यादा लोगों की हिंसा में मौत हो चुकी हैं। वहीं 16000 से ज्यादा लोग घायल हैं। माना जा रहा है कि घायलों की इतनी बड़ी तादाद पैलेट गन के इस्तेमाल का नतीजा है।

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