Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बिहार में महागठबंधन को 'मुलायम' झटका

हमें फॉलो करें बिहार में महागठबंधन को 'मुलायम' झटका
लखनऊ , गुरुवार, 3 सितम्बर 2015 (12:46 IST)
लखनऊ। मोदी मैजिक से मुकाबले के लिए गठित ‘जनता परिवार’ के बिखराव पर मुहर लगाते हुए उसके सबसे बड़े घटक समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता रामगोपाल यादव ने पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में हुई दल के संसदीय बोर्ड की बैठक में लिए गए इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि सपा को बिहार विधानसभा चुनाव में दो और पांच सीटों के प्रस्ताव मिलने से अपना अपमान महसूस हुआ।
 
उन्होंने कहा कि जनता परिवार के अन्य प्रमुख घटक दलों का यह फर्ज था कि सीटों का बंटवारा करने से पहले सपा से बातचीत करते। उसे तो इस बारे में जानकारी मीडिया के जरिये मिली। यह गठबंधन धर्म नहीं है। इससे पार्टी ने खुद को अपमानित महसूस किया। उसने कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हुए बिहार में अपने बलबूते पूरी ताकत से चुनाव लड़ने का फैसला किया।
 
जनता परिवार के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि जब उसके गठन की कवायद शुरू हुई थी, तभी उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि वह सपा के ‘डेथ वारंट’ पर दस्तखत नहीं करेंगे। सपा को उसके सहयोगी दल जितनी सीटें दे रहे थे, उससे कहीं ज्यादा तो सपा अपने बलबूते  जीतेगी।
 
सपा प्रवक्ता ने कहा कि जनता परिवार कभी एक नहीं हो पाया, मगर इसका जिम्मेदार कौन है, इस बारे में वह कुछ नहीं कहना चाहते। उन्होंने कहा कि सपा बिहार में जरूरत पड़ने पर कुछ अन्य दलों से सहयोग लेगी। पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष रामचंद्र यादव कुछ दलों से बातचीत कर रहे हैं। सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का निर्णय बातचीत की यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जाएगा।
 
‘जनता परिवार’ के टूटने से साम्प्रदायिक शक्तियों का हौसला बढ़ने सम्बन्धी सवाल पर यादव ने कहा कि मैं आपसे जानना चाहता हूं कि क्या मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में धर्मनिरपेक्ष मतों का विभाजन हुआ और भाजपा जीती? अगर विभाजन की वजह से जीत-हार होती तो हम यहां वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में क्यों जीतते। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi