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'कैदी को पुलिस वाले देना चाहते थे गुप्तांग में करंट का शॉक'

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, शनिवार, 23 मई 2015 (14:18 IST)
पुणे। पुलिस वालों की असंवेदनहीनता से जुड़ा एक बेदर्द वाकया सुनने को मिल रहा है। पुणे जिले की एक जेल में चोरी के  आरोप में बंद किए गए 3 युवकों ने अपने साथ पुलिस द्वारा की गई घिनौनी हरकत के बारे में कोर्ट को बताया। 

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार युवक ने बताया, ' पहले पुलिस अधिकारियों ने मुझे पैसे देकर अपराध में मेरे शामिल होने की बात मुझसे कुबूल करने के लिए कहा। जब मैंने कुबूल करने के लिए मना  किया तो उसने मेरी छाती पर जोरदार तरीके से पैर से प्रहार किया।
 
बाद में उसने मुझे कपड़े उतारने के लिए कहा और फिर अंडर वियर और मुझे वहां पड़ा वायर उठा कर मेरे गुप्तांग में बांधने के लिए मुझे मजबूर किया। मैं बहुत रो रहा था और वह कह रहा था कि वह वायर के दूसरे किनारे को प्लग में लगाकर मुझे शॉक देगा।
           
यह वाकया तीन लड़कों से जुड़ा हुआ है जिनकी उम्र 20-20 साल है। इन तीनों को दाउद पुलिस स्टेशन द्वारा  चोरी के इल्जाम में 11 मई को गिरफ्तार किया गया था। उनको दाउद पुलिस स्टेशन में गिरफ्तार किया गया था और बाद में इनसे पूछताछ बारामाति तलुका पुलिस स्टेशन में की गई। यह पुलिस स्टेशन पुणे के ग्रामीण क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आता है।       
 
तीनों को जब पिछले शनिवार कोर्ट में पेश किया तो उन्होंने न्यायाधीश के समक्ष अपनी आप-बीती सुनाई। उन्होंने  बताया कि बारामाति तलुका पुलिस स्टेशन में कस्टडी के वक्त तीनों को निवस्त्र कर दिया गया और उनमें से दो को  एक दूसरे के साथ ओरल और एनल सेक्स करने के लिए मजबूर किया गया।
 
इस दौरान दो पुलिस वाले मौजूद थे जिन्होंने ये सब करने के लिए उन्हें मजबूर किया। इन दो पुलिस वालों के नाम सब-इंस्पेक्टर सुनील गायकवाड़,जिसकी उम्र 30 साल है और दूसरे पुलिस वाले का नाम कांस्टेबल दोईफोडे है।        
 
तीनो लड़के बारामति टाउन के पास के गांव के रहने वाले हैं और गरीब घरों से हैं। इनमें से दो 11वीं और 12वीं  कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं तीसरे ने 10वीं के बाद पढ़ाई बंद कर दी है।
 
तीनों दाउद के पास स्थित एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। वे इस कंपनी में नौकरी इसलिए करते हैं ताकि वे  अपनी पढ़ाई का खर्चा वहन कर सकें। युवकों ने बताया कि जब वे तीनों बाइक से अपने घर जा रहे थे तभी एक ट्रक  वाले से उनकी भिडंत होते-होते बची। यह घटना 11 मई की है।
 
वहीं दूसरे लड़के ने बताया कि इस बात को लेकर ट्रक ड्राइवर और उनके बीच विवाद बढ़ गया। इसको लेकर उस ट्रक  ड्राइवर ने हम पर चोरी का आरोप लगा दिया और हमें दाउद पुलिस पकड़कर ले गई।      
 
4 दिन के बाद हमें बारामति पुलिस के हवाले कर दिया गया। जब हम पुलिस वैन में ले जाए जा रहे थे तब हमें  एक पुलिसवाले ने बताया कि हम पर बारामति में एक ट्रक की चोरी का भी इल्जाम लगाया गया है। हमने उसे  बताया कि जब हममे से कोई ट्रक चलाना जानता नहीं है तो हम ट्रक कैसे चुरा सकते हैं।      
 
मई 15 को तीनों युवकों को बारामति पुलिस स्टेशन के हवाले कर दिया गया। इसी दौरान गायकवाड़ और दोईफोडे  ने तीनों युवकों को लकड़ी वाले गेट के कमरे में अलग-अलग बंद कर दिया।   
 
पहले लड़के ने बताया कि, गायकवाड़ ने पहले मुझे प्राइवेट पार्ट में शॉक देने के लिए कहा, जिससे मैं बहुत डर  गया हालांकि उसने ऐसा कुछ नहीं किया।    
 
दूसरे लड़का अपनी आप बीती बताते हुए रो पड़ा उसने बताया कि दूसरे पुलिस वाले ने मुझे जोर से पकड़ा और कस्टडी रूम से एक बंद कमरे में ले गया जहां मेरा दोस्त पहले से ही निवस्त्र बैठा था। उसने हम दोनों को निवस्त्र कर दिया और हमें एक दूसरे के साथ एनल और ओरल सेक्स करने पर मजबूर किया।  
 
कोर्ट ने तीनों युवकों के बयान कैमरे में रिकॉर्ड किए। इस संबंध में जांच चल रही है। युवकों को जमानत दे दी गई है। युवकों के वकील ने कहा कि वे इस तरह के माइंडसेट वाले पुलिस वालों को सज़ा दिलवाकर ही दम लेंगे।     

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