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शिवसेना ने मारा ताना, कहां गए ‘अच्छे दिन’?

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, सोमवार, 5 जनवरी 2015 (13:12 IST)
मुंबई। पिछले सप्ताह उपनगरीय ट्रेन सेवा बाधित होने और यात्रियों के आक्रोश से निपटने के अधिकारियों के तौर तरीकों की आलोचना करते हुए शिवसेना ने आज केंद्र के अच्छे दिन के वादे पर चुटकी ली और पूछा कि लोगों से किए गए अच्छे दिनों के वादे का क्या हुआ?

शिवसेना ने भी अब अपने मुखपत्र मुखपत्र सामना में पिछले दिनों मुंबई में लोकल ट्रेन सेवा बाधित होने और यात्रियों के आक्रोश से निपटने की तैयारी पर निशाना साधा है। सामना में केंद्र के 'अच्छे दिन' के वादे पर चुटकी लेते हुए पूछा है कि लोगों से किए गए अच्छे दिनों के वादे का क्या हुआ?

‘सामना’ के संपादकीय में लिखा गया है कि यह सही है कि शुक्रवार को जो विरोध हुआ और वो हिंसक हो गया, लेकिन न तो पुलिस और न ही प्रशासन ने इस बात की जांच कराना जरूरी समझा कि किस कारण से लोग हिंसक हो गए।

सामना में आगे लिखा है कि अगर ऐसी घटना कांग्रेस के शासनकाल के बाद भी जारी रहती है, तब 'अच्छे दिन' का अनुभव कौन कर रहा है?

केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों में घटक शिवसेना ने कहा कि अगर ऐसे विरोध प्रदर्शन प्रशसन के प्रति लोगों के क्षोभ का परिणाम है, तब हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि यह कानून एवं व्यवस्था टूटने का कारण नहीं बने। 'सामना' में संपादकीय में कहा गया है कि उपनगरीय रेल सेवा बाधित होने से काफी संख्या में लोगों का कामकाज ठप हो गया और परीक्षा देने जा रहे छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

शिवसेना ने आगे कहा, 'क्या इसके लिए रेलवे से किसी को गिरफ्तार किया जाएगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मोबाइल रेल टिकट सेवा शुरू की है, लेकिन लोगों के टिकट खरीदने के बाद अगर ट्रेन नहीं चलती है, तब लोगों में नाराजगी होगी।' गौरतलब है कि शुक्रवार को मुम्बई में छह घंटे तक रेल सेवा बाधित रही थी और नाराज लोगों ने दीवा स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसने हिंसक रूप ले लिया था।

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