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सुलखान बने डीजीपी, बांदा में दौड़ी खुशी की लहर

हमें फॉलो करें सुलखान बने डीजीपी, बांदा में दौड़ी खुशी की लहर

अवनीश कुमार

, शनिवार, 22 अप्रैल 2017 (14:21 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डीजीपी के परिवर्तन की खबर जैसे ही उत्तर प्रदेश के बांदा तक पहुंची, वहां के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। बस सभी की जुबां पर एक ही बात थी की बांदा की हर गली से परिचित है उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी अब देखते हैं अपराध में कमी कैसे नहीं आती।
 
ऐसा होना लाजमी है क्योंकि उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी का गृह जनपद बांदा ही है और उन्होंने अपने जीवन का शुरुआती संघर्ष बांदा से ही शुरू किया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी सुलखान सिंह बांदा के जौहरपुर गांव के निवासी हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा भी बांदा जिले में ही हुई है। शहर के बजरंग इंटर कॉलेज में भी उन्होंने शिक्षा ग्रहण की है। 
 
बांदा के रामकुमार बजरंगी यादव व अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि प्रदेश के पुलिस मुखिया पद पर तैनात होने से जिले के अपराध में निश्चित तौर पर कमी आएगी। पुलिस की सतर्कता बढ़ने से अपराधियों पर अंकुश दिखाई पड़ेगा। इसका मुख्य कारण यह है कि खुद हमारे उत्तर प्रदेश के डीजीपी अपने गृह जनपद बांदा से भली भांति परिचित है इसलिए उन्हें किसी भी प्रकार से थानों में बैठे पुलिस वाले गुमराह नहीं कर पाएंगे। और हर आम आदमी को न्याय मिल पाएगा।
 
यह अहसास कराना है कि पुलिस उनके लिए है : उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी सुलखान सिंह का डीजीपी ऑफिस में मौजूद आला अधिकारियों से लेकर डीजीपी ऑफिस में तैनात सभी कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने सारी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए कार्यभार ग्रहण कर लिया।
 
उन्होंने कहा कि हमारा मकसद लोगों को यह अहसास कराना है कि पुलिस उनके लिए है पुलिस निष्पक्षता से काम करेगी, हमारी प्राथमिकता जनता की सुरक्षा, अधिकारों का संरक्षण करना है। पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए कि जनता के आत्म सम्मान की रक्षा करें और अपराधियों को किसी भी कीमत में नहीं बक्शे।
 
उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि पुलिस का काम बहुत ही जोखिम भरा है लेकिन इन सब से पहले आम जनता की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है जिसके मध्य नगर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में हम पीछे नहीं हटेंगे। हम सबका पहला उद्देश्य भयमुक्त समाज की स्थापना करना है।
 
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अगर पुलिस कर्मियो को हफ्ते में 1 दिन विश्राम मिले। क्योंकि दो दिन लगातार रात में ड्यूटी के बाद विश्राम जरुरी हो जाता है। डीजीपी ने कहा है कि पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाने से पहले उन्हें ब्रीफ करने की जिम्मेदारी पुलिस अधिकारियों की होगी। ड्यूटी लगाने के लिए आरआई से नीचे का अधिकारी नहीं होगा। 
 
डीजीपी ने कहा कि प्रदेश के सभी आईजी, डीआईजी, एसएसपी कार्यालय में जनता से एक तय समय में मुलाकात करके उनकी बात सुनेंगे। उन्होंने कहा कि वह खुद पीड़ित जनता से मिलेंगे। अधिकारियों से सीधी मुलाकात होने से लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ेगा, इससे कानून-व्यवस्था बेहतर होगी।
 
उन्होंने प्रदेश की जनता से यह वादा किया कि उनकी सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता होगी। वह काफी समय तक जनता के बीच में रहे हैं। उन्हें मालूम है कि कानून-व्यवस्था के लिए किस तरह काम करना है। उन्होंने कहा कि जो सरकार की मंशा है हम उस पर खरा उतरेंगे। 

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