कोझीकोड। विवादों में घिरीं बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन का कहना है कि भारत एक असहिष्णु देश नहीं है लेकिन यहां के कुछ लोग असहिष्णु जरूर हैं।
गत 4 फरवरी से डीसी बुक्स द्वारा आयोजित 4 दिन के केरल साहित्य सम्मेलन में शामिल हुईं तसरीन ने कहा कि महाराष्ट्र के वामपंथी नेता गोविंद पनसारे और कर्नाटक के लेखक कलबुर्गी की हत्या के विरोध में साहित्यकारों को सम्मान वापस करने का पूरा अधिकार है। उन साहित्यकारों को अपना विरोध प्रदर्शित करने का पूरा अधिकार है।
उन्होंने कहा कि साहित्यकारों को सभी प्रकार की सांप्रदायिकता का विरोध करना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि महिलाओं के मामले में सभी धर्म निष्प्राय हैं। (वार्ता)