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डॉक्टरों ने निकाला युवक के सिर में धंसा तीर

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इंदौर , बुधवार, 20 मई 2015 (18:13 IST)
इंदौर। डॉक्टरों ने यहां शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में जटिल सर्जरी के दौरान 25 वर्षीय आदिवासी युवक के सिर में धंसा तीर निकालकर उसे नया जीवन दिया।
 
एमवायएच में इस कामयाब सर्जरी को अंजाम देने वाली 3 सदस्यीय टीम के अगुवा डॉ. पीएस लुबाना ने बुधवार को बताया कि प्रकाश (25) के सिर में धंसे तीर को मंगलवार शाम 1 घंटे के भीतर निकाल दिया गया। मरीज की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है।
 
उन्होंने बताया कि आदिवासी बहुल आलीराजपुर जिले के उमराखला गांव के रहने वाले प्रकाश का 18 मई को एक सगाई समारोह के दौरान कुछ लोगों से विवाद हो गया था। विवाद के दौरान उस पर स्प्रिंग वाले धनुष से तीर चलाया गया, जो उसके सिर में जा धंसा। उसे आलीराजपुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे इंदौर के एमवायएच भेज दिया गया।
 
लुबाना ने बताया कि तीर युवक की खोपड़ी की हड्डी को भेदता हुआ उसके सिर में करीब 4.5 सेंटीमीटर की गहराई तक धंस गया था। यह तीर उसके मस्तिष्क में पहुंच गया था, लेकिन वह किस्मत वाला था कि तीर से उसके मस्तिष्क में कोई घातक चोट नहीं आई।
 
बहरहाल, पश्चिमी मध्यप्रदेश के आदिवासियों के शरीर में धंसे तीरों को एमवायएच में सर्जरी के जरिए बाहर निकालने का काम इस सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के लिए कतई नया नहीं है।
 
लुबाना ने बताया कि इस आधुनिक युग में भी खासकर झाबुआ और आलीराजपुर जिले में तीर-कमान का इस्तेमाल जारी है। दोनों जिलों में आदिवासी विवाद और रंजिश की स्थिति में एक-दूसरे पर तीर-कमान से हमला कर देते हैं। 
 
इन वारदातों में घायल होने वाले ज्यादातर आदिवासी अपने शरीर में धंसे तीर लिए एमवायएच पहुंचते हैं, जहां सर्जरी के जरिए तीरों को उनके जिस्म से बाहर निकाला जाता है। (भाषा)

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