अमोघ सिद्ध देवी मंत्र से करें नवरात्रि में पूजन
सृष्टि का संहार और पालन करने की अपार शक्ति मां दुर्गा के पास है। मां अपने भक्तों के लिए विशेष कृपालु होती है और अपने भक्तों के सारे कष्टों को दूर कर देती है।
प्रस्तुत है सरल और चमत्कारी देवी मंत्र :
भक्ति की प्राप्ति :
नतेभ्य: सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
मंत्र जप संख्या 5000, हवन संख्या 2100, हवन सामग्री- घृत, मधु।
मंगल प्राप्ति :
सर्वमंगमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते।
मंत्र जप संख्या 10000, हवन संख्या 3100, हवन सामग्री- घृत, कमल गट्टा।
मोक्ष प्राप्ति :
त्वं वैष्णवो शक्तिरनन्तवीर्या विश्वस्य बीजं परमासि माया।
सम्मोहितं देवि समस्तमेतत् त्वं वै प्रसन्ना भुवि मुक्ति हेतु:।।
मंत्र जप संख्या 2100, हवन संख्या 101, हवन सामग्री- घृत।
महामारी विनाश :
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
मंत्र जप संख्या 2100, हवन संख्या 1000, हवन सामग्री- घृत, चंदन।
विपत्ति नाश :
शरणागतदीनार्थपरित्राण परायणे।
सर्वस्तयार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।
मंत्र जप संख्या 5000, हवन स. 1000, हवन सामग्री - घृत।
शत्रु विनाश :
सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरी।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरी विनाशनम्।।
मंत्र जप संख्या 10000, हवन संख्या 5000, हवन सामग्री- काली मिर्च, घृत।
सर्वबाधा निवारण :
सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित:।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय।।
मंत्र जप संख्या 5000, हवन संख्या 1100, हवन सामग्री-सरसों व घृत।
मनोनुकूल पत्नी :
पत्नी मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणी दुर्गसंसार सागरस्य कुलोद्भवाम्।।
मंत्र जप संख्या 3000, हवन संख्या 1000, हवन सामग्री- घृत।
भय नाश :
सर्वस्वरूपे सर्वज्ञे सर्वशक्तिसमन्विते।
भयैभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते।।
मंत्र जप संख्या 5000, हवन संख्या 2100, हवन सामग्री- घृत।