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मां कुष्माण्डा : रक्त विकार को हैं करती ठीक...

हमें फॉलो करें मां कुष्माण्डा : रक्त विकार को हैं करती ठीक...
, शनिवार, 27 सितम्बर 2014 (14:29 IST)
नवदुर्गा के नौ रूप औषधियों के रूप में भी कार्य करते हैं। यह नवरात्रि इसीलिए सेहत नवरात्रि के रूप में भी जानी जाती है। आइए जानते हैं नौ दुर्गा के औषधीय स्वरूप के बारे में।  
 

 
चतुर्थ कुष्माण्डा (पेठा) - दुर्गा का चौथा रूप कुष्माण्डा है। यह औषधि से पेठा मिठाई बनती है। इसलिए इस रूप को पेठा कहते हैं। इसे कुम्हडा भी कहते हैं। 
 
यह कुम्हड़ा पुष्टिकारक वीर्य को बल देने वाला (वीर्यवर्धक) व रक्त के विकार को ठीक करता है एवं पेट को साफ करता है। मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए यह अमृत है। यह शरीर के समस्त दोषों को दूर कर हृदय रोग को ठीक करता है। 
 
कुम्हड़ा रक्त पित्त एवं गैस को दूर करता है। यह दो प्रकार की होती है। इन बीमारी से पीड़ित व्यक्ति ने पेठे के उपयोग के साथ कुष्माण्डा देवी की आराधना करना चाहिए।

 

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