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शीघ्र शुभ फल प्राप्ति के लिए जपें देवी मंत्र

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पं. उमेश दीक्षित

, शनिवार, 27 सितम्बर 2014 (10:03 IST)
नवरात्रि के शुभ मंत्र : हर कामना पूर्ण करें 
 

 
जीवन में नित्य आपदाएं, विपदाएं, उतार-चढ़ाव आते हैं जिनकी शांति भौतिक प्रयासों से संभव नहीं होती। अत: परालौकिक दैवीय शक्तियों का सहारा लेना पड़ता है। 'कलौ देवी विनायकौ' के अनुसार कलियुग में गणेश व शक्ति ही शी‍घ्र फल देने वाले देवता कहे गए हैं।
 
अचानक विपत्ति निवारण मंत्र 
 
(1) ॐ इत्थं यदा यदा बाधा दानवोत्‍था भविष्यति।
तदा तदावतीर्याहं करिष्याम्यरिसंक्षयम् ॐ।।
 
(2) एभि: स्तवैश्च मां नित्यं स्तोष्यते च: समाहित:।
त्सयाहं सकलां बाधां नाशियाष्याम्यसंशयम्।।
 
इन मंत्रों का प्रयोग सर्वसिद्ध है तथा अपनी अभीष्ट पूर्ति की जा सकती है।
 
अवरोध, बाधा कभी आएं ही नहीं, इसके लिए जीवनभर नित्य एक माला निम्न मंत्र की करें तथा समय-समय पर अग्निवास देखकर हवन करते रहें।
 
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्र्यंबके देवी नारायणी नमोस्तुते।।
 
हवन में बिल्व, इलायची, पंचमेवा आदि का प्रयोग करें।
 
(3) ऐश्वर्य तथा ज्ञान, मोक्षादि की प्राप्ति हेतु श्री भुवनेश्वरी देवी के निम्न मंत्र का अनुष्ठान कर नित्य जप करें। माता भुवनेश्वरी भगवान श्रीकृष्ण की इष्ट देवी थीं। इनकी आराधना से कीचड़ में कमल की तरह मनुष्य संसार में रहते हुए योगीश्वर हो जाता है।
 
मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं भुवनश्वर्ये नम:।।
 
दशांस हवन का दशांस, तर्पण का दशांस, मार्जन का दशांस, ब्राह्मण भोजन तथा कन्या भोजन अनिवार्य है। रक्तासन, पुष्प, रक्त-वस्त्र इत्यादि का ध्यान रखें।

 

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