Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हनुमान अष्टमी 28 को मनेगी

2006 में मंगलवार को आई थी अष्टमी

हमें फॉलो करें हनुमान अष्टमी 28 को मनेगी
ND

इस वर्ष मंगलवार के साथ हनुमान अष्टमी का संयोग बन रहा है। चूँकि मंगलवार हनुमानजी का वार माना गया है, इसलिए अष्टमी पर हनुमान आराधना का महत्व बढ़ गया है। 28 दिसंबर को अष्टमी के अवसर पर मंदिरों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान के साथ मनोहारी श्रृंगार होंगे, वहीं रामायण पाठ के साथ प्रसाद का वितरण भी होगा।

हनुमान अष्टमी के मद्देनजर उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में विराजमान बाबा बाल हनुमान दो किलो चाँदी से बनवाई गई पोशाख में दमकेंगे। यह पहला मौका होगा जब बाबा को रजत पोशाख धारण कराई जाएगी। बाल हनुमान पोशाख 27दिसंबर की सुबह पोशाख धारण करेंगे।

उज्जैन और हनुमानजी के बारे में कई कथाएँ प्रचलित हैं। इसमें महाकाल मंदिर स्थित कोटितीर्थ भी शामिल है। इसके अनुसार जब भगवान राम के राजसूय यज्ञ के लिए हनुमानजी करोड़ों तीर्थों का जल घट में लेकर अयोध्या जा रहे थे, तभी उनका घट भारी-भारी महसूस हुआ तो वे महाकाल वन में उतरे।

webdunia
ND
यहाँ महाकाल ने दर्शन देकर उनसे कहा कि घट का जल मंदिर के जलाशय में डाल दें और फिर यहाँ का जल घट में भर लेंवे। इसके बाद से ही जलाशय का नाम कोटितीर्थ पड़ा। हनुमान अष्टमी पर उनके दादाजी ने सवारी की भी शुरुआत की थी।

ज्योतिषाचार्य पं. जयंत उपाध्याय के अनुसार 12 दिसंबर 06 में मंगलवार को हनुमान अष्टमी का संयोग बना था। मंगलवार को अष्टमी होने से इसका और अधिक महत्व है। शनि ग्रह से पीड़ित जातकों को हनुमान आराधना करना चाहिए। बाधा मुक्ति के लिए श्रद्घालु हनुमान यंत्र स्थापना के साथ बजरंग बाण या हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। इससे निश्चित ही हनुमानजी प्रसन्न होते है।

पं. जानी गुरु ने बताया कि इस अवसर पर नौ दिनों तक कार्यक्रम होंगे। इसकी शुरुआत 20 दिसंबर से श्रृंगार के साथ होगी। अखंड रामायण भी प्रारंभ होगी। पूर्णाहुति 28 दिसंबर अपराह्न चार बजे होगी तथा शाम 7 बजे से भंडारा होगा। इसके पूर्व लड्डुओं का भोग लगेगा।

ज्ञात हो कि हनुमान अष्टमी केवल उज्जैन में ही मनती है। पिछले कुछ वर्षों से आसपास के क्षेत्रों में भी अष्टमी मनाई जाने लगी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi