Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

अगहन मास का पहला गुरुवार क्यों होता है खास, महालक्ष्मी का मिलता है आशीर्वाद

हमें फॉलो करें अगहन मास का पहला गुरुवार क्यों होता है खास, महालक्ष्मी का मिलता है आशीर्वाद
अगहन मास का प्रारंभ हो गया है। अगहन माह में देवी भगवती की उपासना शुभ फलदायी होती है। अगहन मास के प्रथम गुरुवार का पूजन 3 दिसंबर 2020 गुरुवार को किया जाएगा। इस दिन हर घर में धन की देवी मां लक्ष्मी जी का पूजन-अर्चन होगा।
 
हिन्दू पंचांग के अनुसार इसे मार्गशीर्ष मास भी कहा जाता है। अगहन मास में गुरुवार के पूजा की तैयारी कई घरों में बुधवार शाम से ही शुरू हो जाती है। इस दौरान हर घर में मां लक्ष्मी की स्थापना कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी। 
 
मां को प्रसन्न करने की इच्छा से घर के द्वार पर दीपों से रोशनी होगी, घर के मुख्य द्वार से लेकर आंगन और पूजा स्थल तक चावल के आटे के घोल से आकर्षक अल्पनाएं बनाई जाएंगी। 
 
प्रथम गुरुवार को इन अल्पनाओं में मां लक्ष्मी के पांव विशेष रूप से बनाए जाएंगे। तत्पश्चात मां लक्ष्मी के सिंहासन को आम, आंवला और धान की बालियों से सजाया जाएगा और कलश की स्थापना कर मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी तथा विशेष प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाएगा। 
 
मान्यता है कि अगहन महीने के गुरुवारी पूजा में मां लक्ष्मी को प्रत्येक गुरुवार अलग-अलग पकवानों का भोग लगाने से उनका शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है। गुरुवार को पूजा-अर्चना के बाद शाम होते ही प्रसाद खाने-खिलाने का दौर शुरू हो जाता है। 
 
इस अवसर पर आस-पड़ोस की महिलाओं, बहू-बेटियों को प्रसाद खाने के लिए विशेष रूप से निमंत्रण दिया जाता है। बुधवार शाम से लेकर गुरुवार की शाम तक गुरुवारी पूजा की धूम रहेगी। सभी अपने-अपने तरीके से मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जतन करेंगे ताकि अगहन मास में मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो, सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहे।
मार्गशीर्ष माह में भगवान विष्णु के 12 पवित्र नाम देते हैं मनचाहा वरदान
मार्गशीर्ष मास की 10 बातें बहुत काम की हैं, जानिए आप भी...
webdunia


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मार्गशीर्ष माह में भगवान विष्णु के 12 पवित्र नाम देते हैं मनचाहा वरदान