पुराणों के अनुसार पावन नदी गंगा 10 पापों को नष्ट करती है जो क्रमश: इस प्रकार है-
1 बिना दी हुई वस्तु को ले लेना
2 निषिद्ध हिंसा
वाणी से होने वाले चार पाप-
4 कठोर वचन मुंह से निकालना
8 दूसरे के धन को लेने का विचार करना
9 मन से दूसरों का बुरा सोचना
10 असत्य वस्तुओं में आग्रह रखना (व्यर्थ की बातों में दुराग्रह) है।
इन दस पापों का हरण करने में यही गंगा दशहरा नामक पावन त्योहार सक्षम है।