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दिसंबर 1552 को एक समुद्री यात्रा के दौरान चीन में संत जेवियर की मृत्यु हो गई थी। लेकिन उनकी इच्छानुसार उनके पार्थिव शरीर को सन् 1554 में गोवा लाया गया। उस समय उनका शरीर उतना ही ताजा दिख रहा था जैसा कि जिस समय उनको गाड़ा गया था। हालाँकि उनकी शरीर की चमड़ी सिकुड़ गई है, लेकिन फिर भी आज उनकी मृत्यु के साढ़े चार सौ वर्ष बाद भी उनके शरीर के अवशेष देखे जा सकते हैं।
हर दस साल में उनके पार्थिव शरीर को जनता के सामने रखा जाता है ताकि वे उनके पवित्र शरीर को स्पर्श कर आशीष पा सकें। हर साल 3 दिसंबर को बॉम जीसस चर्च में संत फ्रांसिस जेवियर का त्योहार मनाया जाता है और भारत से ही नहीं बल्कि विश्व भर से लाखों श्रद्धालु सुबह के मिस्सा में भाग लेने के लिए इस अवसर पर एकत्र होते हैं।-मैरी रोज बाबा
कैसे पहुँचे:-
वायु मार्ग:- डैबोलिम हवाई अड्डा गोवा का एकमात्र हवाई अड्डा है, जो वास्को डी गामा में स्थित है।
रेल मार्ग:- गोवा कोंकण रेलवे के जरिये अन्य महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है। मडगाँव और वास्को डी गामा गोवा के दो मुख्य स्टेशन हैं।
सड़क मार्ग:- ओल्ड गोवा पणजी से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पणजी से टैक्सी, ऑटो रिक्शा या फिर बस से आसानी से यहाँ पहुँचा जा सकता है।