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Russia Ukraine War : अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूसी बैंकों को 'स्विफ्ट' प्रणाली से करेंगे अलग

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, रविवार, 27 फ़रवरी 2022 (23:43 IST)
वॉशिंगटन। यूक्रेन पर रूसी हमले के मद्देनजर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस के कुछ चुनिंदा बैंकों को वैश्विक वित्तीय संचार तंत्र 'स्विफ्ट' से अलग करने और रूस के केंद्रीय बैंक के खिलाफ प्रतिबंधात्मक उपाय लागू करने का फैसला किया है।

अमेरिका, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और कनाडा के नेताओं ने शनिवार को रूस की प्रतिबंधित कंपनियों और कुलीन वर्ग के लोगों की संपत्तियों का पता लगाने तथा उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त कार्यबल गठित करने का फैसला किया।

‘सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन (स्विफ्ट)’ दुनिया की प्रमुख बैंकिंग संचार सेवा है, जो भारत सहित 200 से अधिक देशों में लगभग 11 हजार बैंकों और वित्तीय संस्थानों को आपस में जोड़ती है।

बेल्जियम स्थित इस तंत्र को वैश्विक वित्त व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए बेहद अहम माना जाता है और अगर रूस इससे बाहर होता है तो यह उसके लिए एक बड़ा झटका साबित होगा। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने एक बयान जारी कर कहा, हम रूसी हमले का मुकाबला करने के साहसी प्रयासों में यूक्रेन की सरकार और उसके लोगों के साथ खड़े हैं।
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रूस का हमला उन मूलभूत अंतरराष्ट्रीय नियमों एवं मापदंडों का उल्लंघन है, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से कायम हैं और जिनकी रक्षा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। बयान में कहा गया है, हम रूस को जवाबदेह ठहराएंगे और सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करेंगे कि यह युद्ध रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए रणनीतिक हार साबित हो।

बैंकों को ‘स्विफ्ट’ से हटाना कड़ा प्रतिबंध माना जाता है, क्योंकि लगभग सभी बैंक आपस में संचार के लिए इस प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं। रूस अपने अहम तेल एवं गैस निर्यात के लिए इस प्रणाली पर काफी निर्भर है।

बयान के मुताबिक, अमेरिका और उसके सहयोगी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि चुनिंदा रूसी बैंकों को स्विफ्ट प्रणाली से हटाया जाएगा और इससे ये बैंक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से अलग हो जाएंगे तथा वैश्विक स्तर पर इनकी संचालन क्षमता भी कमजोर पड़ जाएगी।
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इसमें कहा गया है, दूसरी बात यह है कि हम उन प्रतिबंधात्मक उपायों को लागू करने की प्रतिबद्धता जताते हैं, जो रूस के केंद्रीय बैंक को उसके अंतरराष्ट्रीय कोष के इस्तेमाल से रोकेंगे, ताकि हमारे प्रतिबंधों का प्रभाव कमजोर न हो।

इससे पहले, रूस को स्विफ्ट प्रणाली से अलग करने को लेकर यूरोपीय संघ (ईयू) के भीतर असहमति थी, क्योंकि इससे तेल और गैस के लिए भुगतान प्रभावित होने की आशंका थी। बयान में कहा गया है, तीसरी बात यह है कि हम यूक्रेन में युद्ध में मदद करने वाले लोगों एवं प्रतिष्ठानों के अलावा रूस सरकार की नुकसानदेह गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इसमें कहा गया है, हम खासतौर पर तथाकथित ‘गोल्ड पासपोर्ट’ के तहत नागरिकता के आवंटन को सीमित करने के लिए कदम उठाएंगे, जिसके चलते रूस सरकार से करीबी तौर पर जुड़े देश के अमीर नागरिक अन्य मुल्कों के नागरिक बनते हैं और हमारी वित्तीय प्रणाली तक पहुंच हासिल करते हैं।

रूस को वैश्विक स्विफ्ट बैंकिंग नेटवर्क से बाहर करने के अभियान का नेतृत्व ब्रिटिश सरकार ने किया था। ब्रिटेन ने कहा था कि यूक्रेन पर हमले के लिए रूस के खिलाफ कड़े वित्तीय प्रतिबंध लागू करने के तहत ऐसा किया जाना चाहिए।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की बैठक का हवाला देते हुए कहा था, प्रधानमंत्री ने नेताओं से राष्ट्रपति पुतिन और उनके शासन को सबक सिखाने के लिए स्विफ्ट सदस्यता को लेकर तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रूस आर्थिक और वित्तीय स्तर पर एक अछूत बन गया है, क्योंकि दुनिया के 30 से अधिक देश, जो विश्व की आधी से ज्यादा अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं, उसके खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर चुके हैं।

पश्चिमी देशों के ताजा कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए रूस के केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक ऑफ रूस की वित्तीय संदेश प्रणाली किसी भी परिदृश्य में देश के अंदर वित्तीय संदेशों का हस्तांतरण सुनिश्चित करने में सक्षम है।

रूस की समाचार एजेंसी ‘तास’ ने बैंक के हवाले से कहा कि बैंक ऑफ रूस की वित्तीय संदेश प्रणाली वैश्विक स्विफ्ट प्रणाली के समकक्ष है और यह वित्तीय लेनदेन पर इलेक्ट्रॉनिक संदेशों के हस्तांतरण का एक वैकल्पिक चैनल है, जो देश के अंदर और बाहर वित्तीय संदेशों के निर्बाध हस्तांतरण की गारंटी देती है।

समाचार एजेंसी के मुताबिक, बैंक ऑफ रूस की संदेश प्रणाली स्विफ्ट की तर्ज पर डाटा ट्रांसफर कर सकती है, हालांकि यह इसके चैनलों पर निर्भर नहीं है। खबर में दावा किया कि चीन के साथ वित्तीय संदेश प्रणाली का इस्तेमाल कर भुगतान करने पर भी बातचीत चल रही है।(भाषा)

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