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जस्टिस काटजू का नया खुलासा

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नई दिल्ली , शनिवार, 23 अगस्त 2014 (20:31 IST)
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नई दिल्ली। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जस्टिस काटजू ने एक बार फिर अपने ब्लॉग के माध्यम से नया खुलासा किया है। इस बार उन्होंने फिर से न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर सवाल उठाया है। काटजू ने कहा है कि पूर्व चीफ जस्टिस एसएच कपाडिया ने एक भ्रष्ट जज के खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी।

जस्टिस काटजू ने कहा ‍कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई न होने से तथाकथित जज इलाहाबाद हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस तक बन गया। जस्टिस काटजू के मुताबिक, 'जस्टिस कपाड़िया के कहने पर उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस जज पर लगे आरोपों की छानबीन की।'

जस्टिस काटजू का आरोप है कि उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपी जज के एजेंटों के तीन मोबाइल नंबर भी जस्टिस कपाड़िया को सौंपा और उसके टैपिंग का सुझाव भी दिया। काटजू का यह भी आरोप है कि दो महीने बाद जस्टिस कपाड़िया ने मुझे बताया कि जज के एजेंटों के फोन टैपिंग से भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है।

जस्टिस काटजू के ब्लॉग के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के ज्यादातर मुख्य न्यायाधीशों ने भ्रष्टाचार के मामलों की अनदेखी की, क्योंकि उन्हें इससे न्यायपालिका की छवि खराब होने का डर लगता है।

 

अगले पन्ने पर और क्या बोले काटजू...

 


जस्टिस काटजू ने लिखा है कि उन्होंने ऐसे ही पांच और जजों के नाम दिए थे जो भ्रष्टाचार में लिप्त थे और उनका ट्रांसफर हाईकोर्ट में कर दिया गया।

काटजू ने आगे लिखा है, 'लेकिन क्या ट्रांसफर करना कोई उपाय है? इस तरह के भ्रष्ट जजों को बर्खास्त कर देना चाहिए, लेकिन न्यायपालिका की छवि खराब ना हों इसलिए ऐसा नहीं किया जा रहा है।' काटजू ने आगे सवाल किया है, 'न्यायाधीशों द्वारा किया गया भ्रष्टाचार न्यायपालिका को बदनाम करता है, या फिर उजागर हए ऐसे भ्रष्टाचार इसे बदनाम करते हैं?

काटजू ने लिखा है कि उन्होंने अभी सिर्फ दो उदाहरण दिए हैं लेकिन उनके पास अभी बहुत हैं। (एजेंसी)

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