Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सेंसेक्स 12000 की ओर

दलाल स्ट्रीट में मच सकती है और अफरा-तफरी

हमें फॉलो करें सेंसेक्स 12000 की ओर
मुंबई (भाषा) , रविवार, 29 जून 2008 (18:24 IST)
छह महीने से कम समय में एक तिहाई से ज्यादा के मूल्यांकन का नुकसान दर्ज करने वाले सेंसेक्स की झोली में निवेशकों के लिए अभी और मुश्किलें हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि बेंचमार्क सेंसेक्स अगले कुछ दिनों में 12000 के स्तर का रुख करेगा। विश्लेषकों को लगता है कि कच्चे तेल की कीमतों में जारी उछाल और विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा लगातार की जा रही बिक्री के कारण निकट भविष्य में हो सकता है कि बाजार बढ़ोतरी का रुख हासिल न कर पाए। उनका मानना है घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति का दबाव और बढ़ती ब्याज दरें भी नकारात्मक भूमिका निभा रही हैं।

अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज और इक्विटी अनुसंधान कंपनी सीएलएसए के विश्लेषक और प्रसिद्ध पोर्टफोलियो मैनेजर क्रिस्टोफर वुड ने अपनी चर्चित रपट 'लोभ और भय' (ग्रीड एंड फीयर) में अपने ग्राहकों से कहा है कि तेल की बढ़ती कीमतों और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली जारी रखने के मद्देनजर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि सेंसेक्स 12000 का स्तर छू सकता है। इसके साथ रुपए की और कमजोरी का तत्व भी जुड़ेगा।

इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए अनुसंधान और विश्लेषण कंपनी ईवैल्यू सर्वे के अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने एक श्वेत-पत्र में कहा कि यदि मौजूदा वित्तीय संकट कम नहीं होता, कच्चे तेल में उबाल और विदेशी संस्थागत निवेशकों का बहिर्गमन अबाध गति से जारी रहता है तो सेंसेक्स निकट भविष्य में 12000 के स्तर पर गिर सकता है।

अग्रवाल ने कहा कि हमें अब लगता है कि सेंसेक्स निकट भविष्य में 12000 के स्तर पर गिर जाएगा और रुपए में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाँच से छह फीसदी की गिरावट होगी। साथ ही इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक विकास दर घटकर करीब छह फीसदी हो जाएगी।

सेंसेक्स के 12000 के स्तर पर गिर जाने की इन संभावनाओं पर सहमति जताते हुए घरेलू ब्रोकरेज कंपनी आसिका स्टॉक ब्रोकर्स के अनुसंधान प्रमुख पारस बोधरा ने कहा कि आने वाले महीनों में कार्पोरेट आय प्रमुख भूमिका निभा सकती है।

बोधरा ने कहा कि सेंसेक्स अगले तीन से छह महीनों में 12000 के स्तर तक गिर सकता है, लेकिन यह कंपनियों के नतीजों पर निर्भर करता है। यदि कंपनियों की आय बहुत कम रही तो सूचकांक इस स्तर पर गिर सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi