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जर्मन स्ट्राइकर मिरोस्लाव बने इतिहास पुरुष

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बेलो होरिजोंटे , बुधवार, 9 जुलाई 2014 (22:28 IST)
बेलो होरिजोंटे। जर्मन स्ट्राइकर मिरोस्लाव क्लोस ब्राजील के खिलाफ मंगलवार को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में अपने गोल की बदौलत फुटबॉल विश्वकप टूर्नामेंट में सर्वाधिक 16 गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने ब्राजील के पूर्व स्ट्राइकर रोनाल्डो को पछाड़कर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया।
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36 वर्षीय मिरोस्लाव अपना चौथा विश्वकप टूर्नामेंट खेल रहे हैं और ग्रुप चरण में घाना के खिलाफ 2-2 से ड्रॉ मुकाबले में ही उन्होंने रोनाल्डो के बराबर 15 विश्वकप गोल करने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली थी।

जर्मनी के शीर्ष स्कोरर मिरोस्लाव का विश्वकप सेमीफाइनल में यह पहला गोल है। उन्होंने मैच के 23वें मिनट में यह गोल किया और जर्मनी को 2-0 की बढ़त दिलाई। इसी गोल की बदौलत वे ब्राजील के पूर्व स्ट्राइकर और दिग्गज फुटबॉलर रोनाल्डो से एक कदम आगे बढ़कर 16 गोल के साथ विश्वकप में सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए।

मिरोस्लाव ने वर्ष 2002 में सउदी अरब के खिलाफ अपने शुरुआती चार विश्वकप गोल किए थे। उन्होंने इसी टूर्नामेंट में पहली बार विश्वकप टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था और कुल पांच गोल कर जर्मनी को फाइनल में पहुंचने में मदद की, लेकिन इस टूर्नामेंट में जर्मनी को फाइनल में ब्राजील से 2-0 से हार का सामना करना पड़ा था।

रोनाल्डो ने इस मैच में यह दोनों गोल किए थे जो विश्वकप टूर्नामेंट का उनका आठवां गोल था। चार वर्ष के बाद मेजबान जर्मनी के लिए मिरोस्लाव ने एक बार फिर बेहतरीन प्रदर्शन किया और अपनी टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचने में मदद की। उन्होंने इस दौरान पांच गोल कर गोल्डन बूट अपने नाम किया था। वर्ष 2010 में दक्षिण अफ्रीका में भी जर्मन स्ट्राइकर ने चार गोल किए थे।

बेहद ही शांतप्रिय और मृदुभाषी मिरोस्लाव मौजूदा समय में जर्मनी के सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकर माने जाते हैं जिन्हें उनके बेहतरीन खेल के लिए जर्मनी के साथ इटली में भी बहुत प्यार और सम्मान हासिल है। वे इटली के क्लब लाजियो के लिए खेलते हैं। पोलैंड में जन्मे मिरोस्लाव वर्ष 1986 में आठ वर्ष की उम्र में अपने परिवार के साथ जर्मनी आ गए थे।

जर्मनी के लिए 136 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 71 गोल कर चुके मिरोस्लाव ने रोनाल्डो के रिकॉर्ड को तोड़ने के बाद कहा, 20 विश्वकप मैचों में 15 गोल बुरा नहीं है। बढ़ई के पेशे की ट्रेनिंग ले चुके मिरोस्लाव को हालांकि खेल की प्रेरणा उनके परिवार से मिलती है। पांच वर्ष फ्रांस में रह चुके मिरोस्लाव के पिता जोसेफ यहां एजे आक्सेरे के लिए खेलते थे जबकि मां बारबारा जेज पोलैंड की पूर्व अंतरराष्ट्रीय हैंडबॉल खिलाड़ी हैं।

ब्राजील में जर्मन टीम के विशेषज्ञ स्ट्राइकर मिरोस्लाव की ढलती उम्र के कारण उनका एक बार फिर राष्ट्रीय टीम का विश्वकप में हिस्सा बनना आसान नहीं था और युवा स्ट्राइकर मारियो गोमेज को टूर्नामेंट से पहले उनके विकल्प के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन जर्मन कोच जोआकिम लो ने अनुभवी खिलाड़ी पर भरोसा दिखाते हुए गोमेज को बाहर कर दिया।

मिरोस्लाव को उनके प्रदर्शन और विश्व रिकॉर्ड के लिए ही इतिहास में जगह नहीं मिली है बल्कि पोलिश बोलने वाले जर्मन खिलाड़ी को खेल में पारदर्शिता और सच्चाई के लिए जाना जाता है। मिरोस्लाव ने अपनी ईमानदारी के लिए वर्ष 2012 में इटली में मैच के दौरान उस समय सुर्खियां बटोरी थीं जब उन्होंने रैफरी को अपने गोल को रद्द करने के लिए कहा।

मिरोस्लाव ने रैफरी को स्वयं बताया कि गेंद पर उनका हाथ लगा था, इसलिए उनके इस गोल को रद्द किया जाए जबकि इससे सात वर्ष पहले वेरडेर ब्रेमेन के लिए खेलते हुए उन्होंने पेनल्टी लेने से इसलिए इंकार किया क्योंकि उन्हें लगा था कि उन्हें विपक्षी टीम के खिलाड़ी ने जानबूझकर धक्का नहीं दिया था। इससे साफ है कि जर्मन स्ट्राइकर न सिर्फ युवा खिलाड़ियों के लिए खेल के मायने में बल्कि खेलभावना कायम करने के लिए भी मिसाल हैं। (वार्ता)

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