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एशियाड में मैरीकाम समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

हमें फॉलो करें एशियाड में मैरीकाम समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
इंचियोन , बुधवार, 17 सितम्बर 2014 (23:02 IST)
इंचियोन। लंदन ओलंपिक के पांच पदक विजेताओं विजय कुमार, एमसी मैरीकाम, साइना नेहवाल, योगेश्वर दत्त और गगन नारंग सहित भारत के कई दिग्गज खिलाड़ियों की 19 सितंबर से शुरू हो रहे 17वें एशियाई खेलों में प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी। 
 

 
इंचियोन एशियाई खेल भारतीय खिलाड़ियों के साथ साथ भारतीय ओलंपिक संघ और केंद्रीय खेल मंत्रालय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय खिलाड़ियों  ने 2010 के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों और ग्वांगझू एशियाई खेलों तथा 2012 के लंदन ओलंपिक में काफी शानदार प्रर्दशन किया जिसे देखते हुए भारतीय खिलाड़ियों  से उम्मीदें बढ गई हैं। 
 
खिलाड़ियों  के साथ साथ आईओए और खेल मंत्रालय की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। आईओए ने इन खेलों के लिए भारी भरकम सूची भेजी थी, जिसमें मंत्रालय ने जमकर कैंची चलाई। आईओए और मंत्रालय के बीच चल रहा टकराव किसी से छुपा नहीं है। 
 
इन विवादों के बीच भारत के दिग्गज खिलाड़ियों खासतौर पर ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले पिस्टल निशानेबाज विजय कुमार तथा कांस्य पदक जीतने वाली महिला मुक्केबाज मैरीकाम, बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल निशानेबाज गगन नारंग और पहलवान योगेश्वर दत्त के लिए इंचियोन एशियाड किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। लंदन के छठे पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने एशियाई खेलों से अपना नाम वापस ले लिया था।
 
मैरीकाम ग्लास्गो में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाई थी जबकि साइना ने भी इन खेलों में हिस्सा नहीं लिया था। नारंग ने ग्लास्गो में पदक जीता था लेकिन विजय का प्रर्दशन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा था। योगेश्वर ने अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप जबरदस्त प्रर्दशन करते हुए स्वर्ण पदक जीता था। 
      
इन पांच ओलंपिक पदक विजेताओं में स्वर्ण की सबसे ज्यादा उम्मीद योगेश्वर से की जा रही है जो जबरदस्त फार्म में है। योगेश्वर पर भारत को 28 वषा6 के लंबे अंतराल बाद कुश्ती में स्वर्ण पदक दिलाने का दारोमदार रहेगा। 
 
साइना राष्ट्रमंडल खेलों से हट गई थी और उन्होंने एशियाड की तैयारी के लिए राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद से भी किनारा किया था और दो सप्ताह तक पूर्व दिग्गज खिलाड़ी विमल कुमार से भी प्रशिक्षण लिया था। साइना इंचियोन में अपने साथ विमल को भी ले गई है। इन परिस्थितियों में साइना यदि एशियाड में पदक नहीं जीत पाती है तो उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ेगा। 
 
मैरीकाम राष्ट्रमंडल खेलों के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाई थी और उन्होंने विवादास्पद ट्रायल के बाद एशियाई के लिए क्वालिफाई किया था। मैरीकाम लंदन ओलंपिक के बाद एक अदद पदक की तलाश में है और उन्हें अपनी यह तलाश हर हाल में इंचियोन में पूरी करनी होगी।
 
नारंग ने दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में चार स्वर्ण और लंदन में कांस्य पदक जीता था। लेकिन वह ग्लास्गो में स्वर्ण से दूर रह गए थे। नारंग का हाल में विश्व चैंपियनशिप में अच्छा प्रर्दशन रहा था और उन्हें इस निराशा को पीछे छोड़ते हुए इंचियोन में स्वर्णिम प्रर्दशन करने की कोशिश करनी होगी। 
      
ओलंपिक में रजत पदक जीतकर इतिहास बनाने वाले पिस्टल निशानेबाज विजय कुमार ने ग्लास्गो के बाद विश्व चैंपियनशिप में भी खासा निराश किया। लेकिन एशियाड उनके पास एक ऐसा मौका है जहां वह यह साबित कर सकते हैं कि उनकी लंदन की कामयाबी कोई तुक्का नहीं थी। 
 
इन दिग्गजों के अलावा स्टार मुक्केबाज अखिल कुमार, विश्व चैंपियनशिप में रजत के साथ ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले एकमात्र निशानेबाज जीतू राय, ग्लास्गो में भारत को 32 साल बाद स्वर्ण पदक दिलाने वाले बैडमिंटन स्टार पी कश्यप और ग्लास्गो के स्वर्णिम डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा की प्रतिष्ठा भी दांव पर रहेगी। खासतौर पर ए खेल अखिल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिन्होंने जान लगाकर ट्रायल जीतने के बाद वापसी की है। 
      
स्टार महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी. विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ड्रा को लेकर विवाद खड़ा करने वाली स्क्वैश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल और नाम वापिस लेकर फिर से लौटने वाली टेनिस स्टार सानिया मिर्जा भी आर्कषण और दबाव का केंद्र रहेगी। (वार्ता)

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