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भारतीय मुक्केबाजों को नुकसान : एआईबीए

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 22 मई 2015 (23:03 IST)
नई दिल्ली। बॉक्सिंग इंडिया में प्रशासनिक मतभेदों से नाराज विश्व मुक्केबाजी संस्था एआईबीए ने आज चेतावनी दी कि यदि इस साल के ओलंपिक क्वालीफायर्स से पहले आपस में झगड़ने वाले गुटों ने अपने मतभेद नहीं सुलझाए और महासंघ का पंजीकरण नहीं करवाया तो देश के मुक्केबाजों को नुकसान होगा। 
 
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के कम्युनिकेशन डायरेक्टर विलियम लुई मैरी ने कहा कि विश्व संस्था बगावत से वाकिफ है जिसके कारण इस महीने के शुरू में विशेष आम बैठक बुलाकर बॉक्सिंग इंडिया के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया और महासचिव जय कोवली को बाहर किया गया। 
 
लुई मैरी ने टेलीफोनिक इंटरव्यू में कहा, ‘भारत में जो कुछ हो रहा है उससे हम खुश नहीं हैं। हम यह नहीं जानते कि किससे बात करनी है क्योंकि बॉक्सिंग इंडिया अभी तक पंजीकृत भी नहीं है। हमने पिछले साल नवंबर में इसे मान्यता दी थी लेकिन यह निराशाजनक है कि यह अब भी पंजीकृत संस्था नहीं है।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘हम ऐसे संगठन के साथ कैसे काम कर सकते हैं। हमारे लिए अभी किसी से संपर्क करना मुश्किल है।’ जाजोदिया के खिलाफ विशेष आम बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, जिसको भारी समर्थन मिला। जाजोदिया ने हालांकि इसे ‘गैरकानूनी’ करार दिया था। वह 2-55 के अंतर से अविश्वास प्रस्ताव हार गए थे।
 
लुई मैरी से पूछा गया कि क्या भारतीय मुक्केबाजों को अक्टूबर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में भाग लेने से रोका जाएगा जो कि ओलंपिक खेलों की क्वालीफाईंग प्रतियोगिता भी है? 
 
उन्होंने कहा, ‘वर्तमान हालात देखकर मुक्केबाजों के लिए वहां भाग लेना मुश्किल होगा। मैं फिर से कह रहा हूं कि उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा क्योंकि अभी भारत में कोई ऐसा नहीं है जिससे हम बात कर सकें।’ 
 
बॉक्सिंग इंडिया का गठन पिछले साल सितंबर में किया गया था। एआईबीए की निगरानी में इसके चुनाव हुए थे। आईओए ने हालांकि इसे मान्यता नहीं दी, जिससे उसे कामकाज में परेशानी हो रही थी। 
 
जाजोदिया और कोवली को राज्य इकाईयों में उनके खिलाफ असंतोष के कारण पद से हटा दिया गया था। राज्य इकाईयों का कहना था दोनों अपना कामकाज सही तरह से नहीं कर रहे हैं। बगावत करने वाली राज्य इकाईयों ने दावा किया था कि उन्होंने इन दोनों को हटाकर किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। 
 
लुई मैरी ने इस दावे पर कहा, ‘कुछ लोग बाहर किए गए हैं लेकिन मैं फिर से कह रहा हूं कि संस्था अभी पंजीकृत नहीं है। हम अभी फैसला नहीं ले सकते।’ (भाषा)

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