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एकल ग्रैंड स्लैम चैम्पियन का सपना अब भी जिंदा है- भूपति

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नई दिल्ली , रविवार, 2 अगस्त 2015 (20:44 IST)
नई दिल्ली। भारतीय टेनिस लीजेंड महेश भूपति का देश में एकल ग्रैंड स्लैम चैम्पियन तैयार करने का सपना अब भी जिंदा है।        
भूपति ने कुछ वर्ष पहले एक कार्यक्रम में यह बीड़ा उठाया था लेकिन किन्हीं कारणों से वह कार्यक्रम आगे नहीं बढ़ पाया। देश के शीर्ष युगल खिलाड़ियों में से एक भूपति के मन में वह सपना आज भी जिंदा है कि देश में एक अदद सिंगल ग्रैंड स्लैम चैम्पियन होना चाहिए। भूपति का मानना है कि अगले कुछ वर्षों में देश में अच्छे एकल खिलाड़ी देखने को मिल सकते हैं। 
        
युगल के माहिर और कई ग्रैंड स्लैम खिताबों के विजेता भूपति रविवार को राजधानी के आरके खन्ना स्टेडियम में देश के सबसे बड़े स्कूल स्तरीय टेनिस टूर्नामेंट एचसीएल अंतर स्कूल टेनिस चैलेंज के विजेताओं को पुरस्कृत करने के लिए मौजूद थे। इस अवसर पर उनके साथ एचसीएल कॉर्पोरेशन की कार्यकारी निदेशक और सीईओ रोशनी नादर भी मौजूद थीं। 
         
भारतीय खिलाड़ियों के युगल की तरफ ज्यादा आकर्षित होने के सवाल पर भूपति ने कहा ‘मेरा मानना है कि कोई भी खिलाड़ी शुरू में युगल खेलना नहीं चाहता है। हर कोई एकल में खुद को स्थापित करना चाहता है। आप सानिया मिर्जा को ही देखें, उन्होंने लंबे समय तक ऊँचे स्तर की एकल टेनिस खेलीं। जब उन्हें कुछ सर्जरी से गुजरना पड़ा तब उन्होंने खुद को युगल में शिफ्ट किया।’
 
देश में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को तराशने के लिए महेश भूपति टेनिस अकादमी (एमबीटीए) चला रहे भूपति ने उम्मीद जताई कि अगले कुछ वर्षो में हम अच्छे एकल खिलाड़ी पैदा कर सकेंगे। उन्होंने कहा “ सुमित नागल इसी दिशा में एक कड़ी है। उसने विंबलडन में लड़कों का युगल खिताब जीता था और उसमें काफी प्रतिभा है।'
                  
भूपति ने कहा जब मैंने पहली बार उसे देखा तो उसमें एक अलग की तरह की जीतने की भूख दिखाई दी। मैंने उसे नहीं चुना था वह मेरे पास आया था और जब मैंने उसका खेल देखा तो उसे चुनने में ज्यादा समय नहीं लगाया। हालांकि जूनियर से सीनियर स्तर पर जाने में उसे अभी काफी समय लगेगा।
               
इस अवसर पर मौजूद रोशनी ने कहा यह स्कूल स्तर पर प्रतिभाओं के लिए सबसे बड़ा टूर्नामेंट है। जब हम इस कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे थे तो हमने 30 स्कूलों से शुरुआत की थी लेकिन टूर्नामेंट में पंजीकरण के समय यह संख्या 85 स्कूलों तक पहुँच गई। यह ओपन टूर्नामेंट है, जिसमें पब्लिक और सरकारी दोनों तरह के स्कूलों का मिश्रण है। हमने बच्चों के माता-पिता में भी इस टूर्नामेंट को लेकर खासा उत्साह देखा है। यह स्कूली स्तर पर अच्छी शुरुआत है, जिसे हम महेश भूपति की अकादमी के साथ एक अलग ही स्तर पर ले जाएंगे। (भाषा)

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