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'कारतूस' नहीं बनना चाहते पेशेवर

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, रविवार, 4 अक्टूबर 2015 (17:10 IST)
नई दिल्ली। अर्जुन अवार्ड से सम्मानित और ‘कारतूस’ नाम से मशहूर भारतीय मुक्केबाज मनदीप जांगड़ा का कहना है कि उनका विजेंदर सिंह की तरह पेशेवर बनने का कोई इरादा नहीं है और उनके लिएदेश का प्रतिनिधित्व करना ही सर्वोच्च प्राथमिकता है।
       
भारतीय मुक्केबाजी में ‘कारतूस’ नाम से मशहूर और राष्ट्रमंडल खेलों के रजत विजेता जांगड़ा ने विजेंदर की तरह भविष्य में पेशेवर मुक्केबाजी की तरफ रुख करने के सवाल पर कहा, 'मैं कभी भी ऐसा नहीं सोचता हूं और मेरा पेशेवर मुक्केबाजी में जाने का कोई मन नहीं है। मैं जीवनभर देश का प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं।'
       
उल्लेखनीय है कि ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर प्रो-मुक्केबाजी में पदार्पण कर चुके हैं और उनका पहला मुकाबला 10  अक्टूबर को हाेना है। विजेंदर ने प्रो-मुक्केबाजी में उतरने के चलते देश की तरफ से ओलंपिक में खेलने का इरादा छोड़ दिया था लेकिन जांगड़ा का कहना है कि उनके लिएदेश की तरफ से खेलना अौर अगले वर्ष के रियो ओलंपिक में पदक जीतना ही एकमात्र लक्ष्य है।
         
जांगड़ा ने कहा कि उनका पूरा ध्यान अगले वर्ष रियो में होने वाले ओलंपिक खेलों पर है और वह देश के नाम मुक्केबाजी में ओलंपिक पदक जीतने का पूरा प्रयास करेंगे। 
 
वर्ष 2013 की एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रजत पदक अपने नाम करने वाले जांगड़ा ने कहा, 'अर्जुन पुरस्कार मिलने के बाद मुझे बड़ी जिम्मेदारी का एहसास हो रहा है और लोगों को मुझसे अब उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। मैं अपने देश का नाम ऊपर उठाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं और देश के लिए ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने का प्रयास करुंगा।' (वार्ता)

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