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रियो ओलंपिक में पदक जीतना आसान नहीं : मेरीकॉम

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नई दिल्ली , बुधवार, 19 अगस्त 2015 (21:13 IST)
नई दिल्ली। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए तैयार भारतीय महिला मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम ने आज कहा कि यदि अगले साल रियो डि जेनेरियो में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए वह क्वालीफाई भी कर लेती हैं तो पदक जीतना आसान नहीं होगा। लंदन ओलंपिक खेल 2012 में कांस्य पदक जीतने वाली मेरीकॉम ने कहा कि रियो में मुकाबला अधिक कड़ा होगा क्योंकि वहा ड्रॉ काफी बड़ा हो सकता है। 
लंदन ओलंपिक खेल 2012 में कांस्य पदक जीतने वाली मेरीकॉम ने कहा कि रियो में मुकाबला अधिक कड़ा होगा क्योंकि वहा ड्रॉ काफी बड़ा हो सकता है। हाल में स्पेशल ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के सम्मान समारोह में इस मुक्केबाज ने कहा, रियो खेलों के लिए क्वालीफाई करना कड़ा है और पदक जीतना उससे भी ज्यादा मुश्किल है। मैं खेलों के लिए क्वालीफाई करने के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रही हूं। 
 
51 किग्रा में भाग लेने वाली मुक्केबाज ने कहा कि विश्व चैंपियनशिप की तैयारियों के लिए विदेश जा सकती है। अगले साल फरवरी में होने वाली यह विश्व चैंपियनशिप पहली ओलंपिक क्वालीफाईंग प्रतियोगिता भी है।
 
उन्होंने कहा, मैं अभी भारत में अभ्यास कर रही हूं। मैं इन दिनों बेंगलुरु में रह रही हूं और मुझे जो भी सुविधाएं दी गई हैं वे बहुत अच्छी हैं। अगले कुछ महीनों में मैं विदेश जाने के बारे में सोच रही हूं। स्थान का फैसला अभी तक नहीं किया गया है लेकिन यह ब्रिटेन हो सकता है जहां मैंने 2012 खेलों से पहले अभ्यास किया था। 
 
मेरीकॉम ने इसके साथ ही कहा कि वह भारतीय मुक्केबाजी की वर्तमान स्थिति से दुखी हैं। राष्ट्रीय महासंघ को भंग कर दिया गया है और खेल का संचालन एक तदर्थ समिति कर रही है।
 
उन्होंने कहा, भारतीय मुक्केबाजी से जुड़ी सभी समस्याओं से मुझे बहुत दुख होता है। लेकिन एक खिलाड़ी होने के नाते हम केवल अपने खेल पर ध्यान दे सकते हैं। मैं इन चीजों के बारे में नहीं सोचने की कोशिश करती है। मेरा ध्यान अभ्यास पर है। मैं खुद से कहती हूं कि ए मेरी समस्याएं नहीं हैं, मेरी परेशानी ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना और संभव हुआ तो पदक जीतना है। 
 
मेरीकॉम ने कहा, लेकिन मैं उम्मीद करती हूं कि जो लोग इससे जुड़े हैं वे समझेंगे। यदि महासंघ होता तो अच्छा रहता क्योंकि यह सभी के लिए बेहतर होगा। उन्हें समझना चाहिए कि एक परिवार को इस तरह से नहीं चलाया जाता है। भारतीय मुक्केबाजी एक परिवार की तरह है। (भाषा)  

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