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सौरव घोषाल ने एशियाई खेलों में नया इतिहास रचा

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इंचियोन , सोमवार, 22 सितम्बर 2014 (17:42 IST)
इंचियोन। सौरव घोषाल एशियाई खेलों के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय स्क्वॉश खिलाड़ी बन गए जिन्होंने 2006 के चैंपियन ओंग बेंग ही को हराया जबकि दीपिका पल्लीकल महिला एकल में कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं। दीपिका को सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी निकोल डेविड ने मात दी।



शीर्ष वरीयता प्राप्त और दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी घोषाल ने मलेशिया के 35वीं रैंकिंग वाले बेंग ली को 11-9, 11-4, 11-5 से हराया। दोनों
खिलाड़ी पीएसए पेशेवर टूर पर एक-दूसरे को एक एक बार हरा चुके हैं लेकिन घोषाल जून में एशियाई चैंपियनशिप टीम सेमीफाइनल में बेंग ही से हारे थे।
 
उन्होंने अपने मलेशियाई प्रतिद्वंद्वी को सोमवार को कोई मौका नहीं दिया। बेंग ही ने बुसान (2002) और दोहा (2006) एशियाड में स्वर्ण जीता था जबकि 4 साल पहले ग्वांग्झू में कांस्य अपने नाम किया था।
 
पिछले 2 एशियाई खेलों से कांस्य जीत रहे घोषाल का अब नए पदक के साथ लौटना तय है। वह पहले ही कह चुका है कि स्वर्ण जीतने का उसके पास सुनहरा मौका है। फाइनल मंगलवार को खेला जाएगा जिसमें घोषाल का सामना हांगकांग के मैक्स ली और कुवैत के अब्दुल्ला अलमेजाएन के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा।
 
इससे पहले दुनिया की 12वें नंबर की खिलाड़ी पल्लीकल को दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी निकोल डेविड के हाथों पराजय के बाद कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। भारत की 23 वर्षीय दीपिका को डेविड ने 25 मिनट के भीतर 4-11, 4-11, 5-11 से हराया।
 
शीर्ष वरीयता प्राप्त मलेशियाई खिलाड़ी निकोल खिताब की प्रबल दावेदार है जिसने 1998 बैंकॉक एशियाई खेलों में स्क्वॉश को पहली बार शामिल किए जाने के बाद से एक भी मैच नहीं गंवाया है। वह मुकाबले की शुरुआत से ही जबर्दस्त फॉर्म में थी जिससे पल्लीकल को मौका ही नहीं मिल सका।
 
भारत ने ग्वांग्झू खेलों में 4 वर्गों में से 3 में कांस्य पदक जीते थे लेकिन इस बार टीम चैंपियनशिप समेत चारों वर्ग में वह पदक का दावेदार है। (भाषा)


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