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सेरेना ने कर्बर से सीखा बिना डरे खेलना...

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मयंक मिश्रा

, रविवार, 10 जुलाई 2016 (14:47 IST)
10 सालों के बाद पहली बार 2 महिलाएं फिर से किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में आमने-सामने थीं। इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन का फाइनल खेल चुकी सेरेना और कर्बर फिर से कल (शनिवार को) विंबलडन खिताब के लिए आमने-सामने थीं। 
 
सेरेना ने हाल ही में कहा था कि इतने सालों के बाद भी उनको खेल में सीखने और उसे सुधारने की कई नई बातें मिल जाती हैं, जैसे कि ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में मिली हार से उन्होंने कर्बर से बिना डरे कैसे खेलना है सीखा था। 
 
इसी सीख के साथ वे कल बिना डरे अपने शॉट्स खेल रही थीं और वैसा ही कर्बर भी कर रही थी। इस वजह से मैच में कई बढ़िया रैलियां देखने को मिलीं और कई दिनों बाद एक ऐसा खिलाड़ी भी दिखाई दिया, जो सेरेना के शॉट्स का जवाब दे सकता है।
 
कर्बर की सर्विस ने ही उनको यह फाइनल हरा दिया। एक तरफ जहां सेरेना 125 मील प्रति घंटे की सर्विस कर रही थीं तो वहीं कर्बर मुश्किल से 95 का आंकड़ा छू पा रही थीं और उनकी सेकंड सर्विस की हालत तो और खराब थी। वो 75 से ज्यादा शायद ही गई हो। मगर ऐसी सर्विस को कर्बर के डिफेंसिव खेल का अच्छा साथ मिल गया था और इस वजह से एक बढ़िया फाइनल देखने को मिला।
 
मैच शुरू होने से पहले ही स्टेफी ग्राफ का नाम इस मैच से जुड़ गया था। एक और जहां सेरेना ग्राफ के 22 ग्रैंड स्लैम खिताबों की बराबरी करने की कोशिश करने वाली थीं वहीं कर्बर 20 साल बाद विंबलडन जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी बनने से एक जीत ही दूर थी। 
 
अब जब सेरेना ने ग्राफ की बराबरी कर ली है तो उनसे उस रिकॉर्ड को तोड़ने की बातें शुरू भी हो गई हैं और शायद वे जल्द ही ऐसा कर भी लें। मगर टेनिस की भलाई के लिए सेरेना को कोई टक्कर देने वाले की जरूरत है और ऐसा कर सकने में सिर्फ मुगुरुजा और कर्बर के ही नाम सबसे आगे हैं। वैसे कल (शनिवार को) सेरेना ने सिंगल्स के अलावा वीनस के साथ डबल्स में भी ग्रैंड स्लैम जीता।
 
दोनों बहनें अभी तक 14 बार ग्रैंड स्लैम डबल्स के फाइनल में पहुंची हैं और अभी तक नहीं हारी हैं। इसके साथ ही वीनस की यहां खिताब जीतने की इच्छा थोड़ी तो पूरी हो ही गई होगी। पुरुषों का डबल्स का खिताब महुत और हर्बर्ट की जोड़ी ने जीता। 
 
कल सेरेना से किसी भी तरह कम मेहनत नहीं करने वाली जिस्के ने व्हीलचेयर इवेंट में महिलाओं के सिंगल्स का खिताब जीता। मौजूदा नंबर 1 खिलाड़ी जिस्के के मैच को दर्शकों की जगह ज्यादातर अपने दोस्त और परिवार वाले ही मिलते हैं और शायद यह इन खिलाड़ियों की मेहनत से थोड़ी नाइंसाफी है। 
 
पहली बार इन मैचों को देखकर इन खिलाड़ियों के जुझारूपन से आपको भी नया जोश जरूर मिल जाता है। इसी वर्ग में पुरुषों का डबल्स का खिताब ब्रिटेन के हेविट और रीड ने जीता जिसमें रीड आज सिंगल्स का फाइनल भी खेलने वाले हैं। 
 
आज एंडी मरे और राओनिच के बीच फाइनल होना है। एंडी मरे के पक्ष में उनकी रैंकिंग, फॉर्म के साथ पूरा देश है। मगर उन पर कहीं न कहीं यहां जीतने का दबाव है, वहीं राओनिच पर जीत का दबाव नहीं है और इसके चलते राओनिच मरे के लिए फेडरर से ज्यादा बड़ा खतरा बन गए हैं। मैच का पहला सेट मरे के लिए ज्यादा खास रहेगा और आज (रविवार) का मैच मरे को जीतना होगा, क्योंकि राओनिच मैच हारने वालों में से नहीं हैं। 

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