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भारतीय हॉकी में खींचतान जारी

गिल अब हॉकी इंडिया के साथ

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नई दिल्ली (भाषा) , रविवार, 14 जून 2009 (22:19 IST)
भारतीय हॉकी में 'शक्ति प्रदर्शन' के दौर के बीच पूर्व आईएचएफ सुप्रीमो केपीएस गिल ने भारतीय ओलिमिपक संघ द्वारा गठित हॉकी इंडिया से हाथ मिला लिया और आमसभा की बैठक के बाद 45 दिन के भीतर महिला और पुरुष संघों के विलय का ऐलान भी कर दिया।

आईओए द्वारा पिछले साल भंग किए गए आईएचएफ के प्रमुख रहे गिल ने अब आईओए द्वारा ही गठित हॉकी इंडिया के साथ हाथ मिलाने के कारण के बारे में पूछने पर कहा हमारा लक्ष्य हॉकी को बचाना है। निलंबन का मतलब यह तो नहीं कि हम बात भी नहीं कर सकते। जब भारत और पाकिस्तान बात कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं।

उन्होंने बताया कि बैठक में 28 प्रदेश संघों में से 20 और तीन केंद्रशासित प्रदेशों के नुमाइंदों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि एफआईएच के निर्देशों के तहत महिला और पुरुष हॉकी के लिए एकीकृत इकाई के गठन की औपचारिकताएँ तय करने के लिए छह सदस्यीय उपसमिति का गठन किया गया है, जो 45 दिन में काम पूरा करेगी।

वहीं हॉकी इंडिया के सदस्य मोहम्मद असलम खान ने इस बैठक को अहम बताते हुए कहा कि गिल के साथ बातचीत लंबे समय से चल रही थी और हॉकी की बेहतरी के लिए हम एक मंच पर आए हैं।

दूसरी ओर जयब्रत राय की अगुवाई में पुरुष और महिला हॉकी महासंघ की प्रदेश इकाइयों का एक गुट एंबी वैली में बैठक में भाग ले रहा है। पहले गिल ने राय से हाथ मिलाने के संकेत दिए थे, लेकिन के ज्योतिकुमारन को लेकर गतिरोध पैदा हो गया। तमिलनाडु हॉकी संघ के प्रतिनिधि के तौर पर ज्योतिकुमारन आज बैठक में मौजूद थे।

हॉकी इंडिया के गठन से पहले गिल से मशविरा नहीं करने के सवाल पर असलम ने टालमटोल वाला जवाब देते हुए कहा हॉकी इंडिया अभी गठन की प्रक्रिया में ही है। हम सही समय पर साथ आए हैं और भारतीय हॉकी अब सही दिशा में जा रही है।

वहीं आईएचएफ को भंग करने के आईओए के फैसले के खिलाफ मुकदमा दायर करने वाले गिल ने इस याचिका के बारे में पूछने पर कहा आईओए और हमारे वकील मिलकर तय कर रहे हैं। जल्दी ही इस मामले में संयुक्त याचिका दायर की जाएगी।

आईएचएफ को भंग करने की प्रमुख वजह रहे विवादास्पद महासचिव के ज्योतिकुमारन की भूमिका के बारे में पूछने पर गिल ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा जो भी लोग इतने साल से हॉकी से जुड़े रहे हैं, वे इस प्रक्रिया का हिस्सा होंगे। अब आपको तय करना है कि आप किसे इसमें शामिल मानते हैं।

एंबी वैली में हो रही बैठक में भाग लेने वाले प्रदेश संघों के प्रतिनिधियों के भविष्य के बारे में पूछने पर गिल ने कहा हम उन्हें इस प्रक्रिया में हमारे साथ आने के लिए मनाएँगे। हमें उम्मीद है कि वे सभी हमारे साथ होंगे।

उधर कुछ दिन पहले गिल से हाथ मिलाने की किसी भी संभावना से इंकार करने वाले असलम ने अब इसका खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने कभी किसी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है और यह बातचीत दोनों पक्षों के सामूहिक प्रयासों का ही नतीजा है।

असलम ने कहा कि आज की बैठक बहुत अच्छे माहौल में हुई है। हमने आपस में कई संदेह दूर किए। कई बाकी भी हैं जो समय रहते दूर हो जाएँगे। गिल के हॉकी इंडिया का अध्यक्ष बनने की संभावना के बारे में उन्होंने कहा यह काल्पनिक सवाल है और इसका कोई जवाब मैं नहीं दे सकता।

पिछले साल आईएचएफ को भंग करने के आईओए के कदम के बाद से ही दोनों पक्षों में वाकयुद्ध का दौर जारी था। गिल ने जहाँ आईओए को एक 'फर्जी संगठन' करार दिया था, वहीं आईओए ने पूर्व हॉकी प्रमुख के साथ जुड़ने की अटकलों को लतीफा बताया था।

इसके मद्देनजर गिल के राय खेमे से जुड़ने की अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन अचानक पैतरा बदलते हुए पंजाब के इस पूर्व पुलिस महानिदेशक ने नाटकीय घटनाक्रम में आईओए से हाथ मिलाकर भारतीय हॉकी में नए समीकरण पैदा कर दिए।

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