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बिग बॉस का घर : आकर्षक फालूदा

विवादों का अड्डा बिग बॉस का घर

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गायत्री शर्मा

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कलर्स टीवी पर प्रसारित होने वाले रिएलिटी शो 'बिग बॉस' ने अपने शुरूआती दौर में ऐसा कमाल दिखाया था कि बिग बॉस सीजन 1 और सीजन 2 के बाद अब इस रिएलिटी शो के सीजन 3 का भी श्रीगणेश हो चुका है। बिग बॉस हर रिएलिटी शो की तरह ही विदेशी चैनल के रिएलिटी शो 'बिग ब्रदर' का देसी संस्करण है।

बिग बॉस के पहले व दूसरे संस्करण की ही तरह इसके सीजन 3 को भी चटपटा व मनोरंजक बनाने के लिए भाजी-तरकारी की तरह अलग-अलग वैरायटी के सेलीब्रिटीज को छाँट-छाँटकर शो में शामिल किया गया है और भाजियों की इस भेल में अमिताभ बच्चन की आवाज का तड़का लगाया गया है।

हर तरह के ऑयटम की खिचड़ी है ये :
बिग बॉस का घर एकदम फालूदा की तरह लगता है, जिसमें हर तरह के सस्ते व महँगे ड्राय फ्रुट्स को डालकर इसे लजीज बनाने का प्रयास किया गया है। मगर ये क्या इस फालूदा में तो शकर की मिठास की बजाय कमाल खान रूपी कड़वे करेले का रस क्यों डाला गया था, यह अब तक किसी को समझ में नहीं आया। सुना है अब इस फालूदे को और भी आकर्षक बनाने के लिए महँगी केसर के तौर पर अपनी दहाड़ भूल चुके बूढ़े शेर राजेश खन्ना को शामिल किया जा रहा है।

इस शो के कुछ कलाकार तो बड़े महँगे बजट के है तो वहीं कुछ छुट-पुट सस्ते कलाकार भी हैं, जैसे राजू श्रीवास्तव और जया सावंत, जिन्हें इस लजीज फालूदे में चारोली की तरह सजाया गया है। 'बिग बॉस सीजन- 3' में 13 सेलीब्रिटीज को शामिल किया गया है, जिनमें पूनम ढिल्लन (भूतपूर्व अदाकारा), क्‍लॉडिया सिएस्‍ला (जर्मन मॉडल), इस्‍माइल दरबार (संगीतकार), कमाल राशिद खान (डायरेक्‍टर), विंदू दारा सिंह (अभिनेता), रोहित वर्मा (फैशन डिजाइनर), राजू श्रीवास्‍तव (कॉमेडियन), जया सावंत (राखी सावंत की माँ), तनाज करीम ईरानी (टीवी कलाकार), बख्तियार ईरानी (टीवी कलाकार), शेर्लिन चोपड़ा (अदाकारा), अदिति गोवत्रिकर (अदाकारा/मॉडल) और शमिता शेट्टी (अदाकारा) है।

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झगड़े का अड्डा है बिग बॉस का घर :
बिग बॉस के रूप में 'बिग बी' का नाम जुड़ जाने के बाद कुछ पल के लिए हमें ऐसा लगा था कि शायद बॉलीवुड के शंहशाह के आने के इस शो का स्तर सुधर जाएगा और यह शो केबीसी की तरह टेलीविजन के इतिहास में सफलता की एक नई इबारत लिखेगा। मगर ये हो न सका, उल्टा अमिताभ की मौजूदगी के बावजूद भी यह शो 'ऊँची दुकान, फीके पकवान' की तरह ही लग रहा है।

इस शो को देखकर तो यही लगता है कि अमिताभ जैसे बड़े अभिनेता को इस शो का होस्ट नहीं होना था। यह तो एक निम्न स्तर का शो है, जिसमें दिन-रात नौटंकी दिखाई जाती है। जिस तरह कई सब्जियों को एक साथ मिलाकर एक नया व्यंजन बनाने की कोशिश की जाती है किंतु कई बार कड़वी ककड़ी या करेले की मात्रा अधिक होने के कारण सब्जी बेस्वाद हो जाती है, कुछ वैसा ही बिग बॉस का घर है।

बिग-बॉस सीजन 3 को देखकर यही लगता है कि 'नाम और पैसे' की हरी घास के लालच में ये 13 अलग-अलग प्रकार के सेलीब्रिटीज को बिग बॉस के घर में कैद कर दिया गया है, आरामपोश जिंदगी के आदि अब ये सेलीब्रिटी अपने-अपने स्टेटस का बखान कर अपनी बेहूदा कमेंटों से दर्शकों को बोर कर रहे हैं।

कभी एलीमिनेशन और कभी वाइल्ड कार्ड एंट्री :
'बिग बॉस' ने अपने घर में जैसे नियम और कायदे-कानून ताक पर रख दिए हैं। जब चाहे तब घरवालों को किसी एक सदस्य को घर से रूख्सत करने का निर्णय लेने को कहा जाता है और जब चाहे तब उसी सदस्य को यह कहकर घर में रोक लिया जाता है कि इस बार एलीमिनेशन नहीं होंगे। भला आप ही सोचिए ऐसे में घर वाले उस व्यक्ति को कैसे झेलेंगे, जिसके विरोध में वे एकमत थे।

कमाल खान का एलीमिनेशन (बाहर निकाला जाना) के बावजूद भी बिग बॉस की कृपा का पात्र बनना कुछ ऐसा ही था। अब तो यह भी सुनने में आ रहा है कि हर बार की तरह इस बार भी बिग बॉस के घर में वाइल्ड कार्ड एंट्री होगी, जिसका मतलब है बिग बॉस के घर में अपनी उपस्थिति को सुरक्षित मानने वाले घरवालों के लिए असुरक्षा की अलार्म बजने वाली है।

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किसी भी स्तर तक जा सकते हैं ये :
बिग बॉस के घर के मेहमानों में से कुछ मेहमान उस बूढ़े शेर की तरह है, जो अपने अतीत की दहाड़ से अब तक लोगों को डरा रहे हैं फिर भले ही वो पूनम ढिल्लन, विंदू दारा सिंह या अदिति गोवित्रिकर ही क्यों न हो। इन्हीं के साथ ही फुस्सी पटाखों की तरह इस्माइल दरबार, रोहित वर्मा व शमिता शेट्टी का प्रयोग किया गया है। ये सभी लोग पॉपुलैरिटी पाने के लिए गुटबाजी, गाली-गलौच व कानाफूसी में किसी भी हद तक जा सकते हैं।

इस शो में यदि कोई दमदार व्यक्ति है तो वो है कॉमेडीयन राजू श्रीवास्तव, जो अपने सीधे-सादे अंदाज में धर्मात्मा की तरह बिग बॉस के घर में किसी से कुछ लिए-दिए बगैर सुकून की जिंदगी जी रहे हैं। राजू का बिग बॉस के घर में जैसे अपना तबला और अपना राग है।

दर्शक झगड़े देखना नहीं चाहते :
हर रिएलिटी शो में दिखाई जाने वाली तू-तू, मैं-मैं व झगड़े देखकर दर्शक अब ऊब चुके हैं। उन्हें कोई चेंज चाहिए। क्या ये शो सेलीब्रिटीज की जिंदगियों में ताँक-झाँक करने व विवादों को तूल देने के लिए बनाए जाते हैं या फिर इनका उद्देश्य कुछ ओर होता है? अगर मीडिया सेलीब्रिटीज के संबंधों के बारे में कुछ कहे तो उसे मीडिया के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया जाता है लेकिन यदि ये सेलीब्रिटी खुद अपने झगड़ों को सार्वजनिक करते हैं व एक-दूसरे पर कीचड़ उछालते हैं तो यह क्या है?

अब दर्शक मारधाड़ व विवादों को उपजाने वाली फिल्में व रिएलिटी शो को एक‍ सिरे से दरकिनार कर चुके हैं। उन्हें अब मनोरंजन व हँसी-ठहाकों वाले कार्यक्रम देखना पसंद है लेकिन टीवी चैनल वाले इसे अब तक समझ नहीं पाए हैं। टीवी चैनल वालों अब भी जागो और समझो कि अब मिथुन और धर्मेंद्र की के जमाने गए अब तो अक्षय कुमार और राजपाल यादव का दौर है। अत: दर्शकों को वही रिएलिटी शो दिखाओ, जिसका एक अच्छा स्तर हो तथा साथ ही जो दर्शकों की रूचि का हो।
चित्रोहेतसाभार : कलर्चैन

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