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वास्तु अनुसार कैसा हो स्टडी रूम

यदि बच्चे का मन पढ़ाई में न लगे

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भारती पंडित

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यदि बच्चा होशियार है, परिश्रमी है मगर अचानक उसका मन पढ़ाई से हटने लगा है, तो एक नजर स्टडी रूम पर भी डालें। मूलत: पूर्व, ईशान व उत्तर दिशाएँ ज्ञान की मानी जाती हैं जिनके स्वामी क्रमश: इंद्र, शंकर व कुबेर समझे जाते हैं। इन्हीं से तेज, ज्ञान व धन की प्राप्ति संभव है। अत: स्टडी रूम उत्तर पश्चिम या पश्चिम दिशा में ही बनाएँ।

स्टडी टेबल ऐसे रखी जाए कि बच्चे का मुख पूर्व, उत्तर या ईशान में हो। स्टडी रूम न भी हो तो बच्चा जहाँ भी पढ़े, इन्हीं दिशाओं में मुख रखे। बैठकर पढ़ना उचित है, लेटकर या बिस्तर पर पैर फैलाकर न पढ़ें।

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स्टडी रूम में ढेरों तस्वीरें लगाने से बचें। घड़ी पूर्व या उत्तर की दीवार पर लगाएँ। उत्तर की दीवार पर पानी दर्शाती तस्वीर या नीला रंग लगाना शुभ है।

कमरा हमेशा साफ-सुथरा रखें, इष्ट का स्मरण करके पढ़ने बैठें और पढ़ते समय स्टील या चाँदी की कटोरी में पानी भरकर सामने रखें। एकाग्रता बढ़ेगी और निश्चित सफलता मिलेगी।

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