सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ और निधन 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में हुआ था।

लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे।

स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का पहला और सबसे बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा संघर्ष में था।

उन्होंने 1928 में हुए बारदोली सत्याग्रह में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्व किया, जिसके चलते उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की गई थी।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 562 छोटी-बड़ी देशी रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है।

महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि दी थी।

किसी भी देश का आधार उसकी एकता और अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे।

सन 1991 में सरदार पटेल को मरणोपरांत 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था।

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