गुम हो चुकी हैं ये भारतीय डिशेस

आधुनिक खानपान और फास्ट फूड की ओर लोगों झुकाव बढ़ने से ऐसे कई व्यंजन लोग भूलते जा रहे हैं। आइए जानें इनके बारे में...

AI/socialmedia

मांड - चावल के पोषक पानी को मांड कहा जाता है। यह पौष्टिक पेय ग्रामीण भारत में भोजन का हिस्सा हुआ करता था।

फरही - यह पारंपरिक मिठाई, परमल, खोया और ड्राई फ्रूट्स से तैयार होती है। आज इसे कम ही लोग जानते हैं।

राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फरही प्रमुख तौर से बनाई जाती थी।

डोडा - पंजाब की विरासतमानी जाने वाली यह गेहूं, दूध और घी से बनने वाली मिठाई है।

शाही डोडा बर्फी खासतौर पर ग्रामीण पंजाब में लोकप्रिय है।

हांडवो - प्रोटीन से भरपूर ये डिश गुजराती रसोइयों में प्रमुख थी। हालांकि, पिज्जा और पेस्ट्री के दौर में यह रेसिपी दुर्लभ हो गई है।

सिल-लोढ़े पर बनी खिचड़ा - दलिया, मांस और मसालों के मिश्रण से बनती है, अब शहरी रसोइयों से गायब हो गई है।

यह पारंपरिक डिश ईद और कई खास मौकों पर बनाई जाती थी।

खाने के तुरंत बाद मिठाई खाने से क्या होता है?

Follow Us on :-