रामलला मूर्ति के 10 रहस्य

अयोध्या में श्री रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। जानिए मूर्ति की 10 खासियत।

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मूर्ति का रंग श्यामल है यानी न श्वेत और न काला। जैसा शालिग्राम का होता है।

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मूर्ति एक ही पत्थर की बनी है इसमें किसी भी प्रकार का जोड़ नहीं है, जो हजारों वर्षों तक सुरक्षित रहेगी।

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मूर्ति के आसपास विष्णु जी के सभी 10 अवतारों को भी उकेरा गया है।

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दशावतार के बाद मूर्ति के सबसे निचले क्रम में हनुमानजी और गरुड़जी को बनाया गया है।

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मुकुट के आसपास ॐ, गणेश, चक्र, शंख, गदा स्वास्तिक और हनुमानजी बने हुए हैं।

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मूर्ति के मस्तक पर सूर्य और वैष्णव तिलक है। कमल के समान नयन है।

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मूर्ति खड़े रूप में बनाई गई है ताकि दूर खड़े लोग भी दर्शन कर सके।

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यह मूर्ति जलरोधी है यानी इसको जल से कोई नुकसान नहीं होगा। रोली और चंदन लगाने से भी नुकसान नहीं होगा।

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रामलला की मूर्ति किसी 5 वर्षीय बालक की मनमोहक छवि लिए हुए है। बाएं हाथ में धनुष और दायां हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में है।

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51 इंच की मूर्ति 3 फीट चौड़ी और 200 किलो वजनी है। यह मूर्ति कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है।

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विक्रमादित्य युग से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक, कैसे बदली रामलला की मूर्ति?

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