10 दिवसीय गणेशोत्सव के दौरान जानें 10 दिन के 10 भोग।
बूंदी, बेसन, सूजी, राजगिरे या मोतीचूर के लड्डू गणेशजी को बहुत पसंद हैं।
मोदक चावल के आटे, घी, मैदा, मावा, गुड़, सूखे मेवे, नारियल, खोपरा, गुड़ आदि से बनता है।
नारियल के दूध या पानी में चावल को भिगोकर या नारियल के गूदे को चावल में मिलाकर पकाने से बनता है।
यह खोआ या मावा, घी, बेसन और दूध से बनता है। चने की दाल में गुड़ मिलाकर उसे मिस कर उसे रोटी में भरा जाता है।
केसर मिला श्रीखंड का भोग भी लगाया जाता है। दही से बने इस मिष्ठान में किशमिश और चारोली मिलाकर इसका भोग लगाएं।
मैश किए हुए केले, सूजी और चीनी से बना शीरा सूजी के हलवे की तरह होता है। उन्हें केले का प्रसाद भी अति प्रिय है।
गणेशजी को पंजीरी का प्रसाद भी अर्पित किया जाता है। धनिया, मिश्री, इलायची आदि से मिलाकर बनाते हैं।
इसे सूजी और मूंग के साथ घी मिलाकर बनाते हैं। जिसमें किशमिश, काजू और बादाम डालते हैं। इसे मूंग का हलवा ही मानें।
इसे दूध और गुड़ के साथ बनाकर उसमें चावल या सेवई डालते हैं। ऊपर से इलायची पाउडर, घी और अन्य ड्राई फ्रूट्स डालते हैं।
गणेशजी को शुद्ध घी में देशी गुड़ मिलाकर भोग लगाते हैं। इसके अलावा छुआरे, चिरौंजी, परमल, नारियल और मिश्री का भोग लगाते हैं।