पितृपक्ष में श्राद्ध करने के लिए दिन का कौनसा समय सर्वश्रेष्ठ होता है, जब पितर आते हैं।
भाद्रपद की पूर्णिमा और आश्विन माह के कृष्णपक्ष में 16 दिन के श्राद्ध रहते हैं।
श्राद्ध कर्म में तर्पण, पिंडदान और पंचबलि कर्म करते हैं।
कुतुप काल, रोहिणी काल, मध्यान्ह काल और अभिजीत मुहूर्त।
कुतुप काल दिन के 11:30 बजे से 12:30 के मध्य का समय होता है।
अभिजीत मुहूर्त हर दिन के हिसाब से अलग-अलग होता है। किसी दिन यह नहीं भी रहता है।
रोहिणी काल अर्थात रोहिणी नक्षत्र काल के दौरान श्राद्ध किया जा सकता है।
यदि कुतुप, अभिजीत या रोहिणी काल ज्ञात न हो तो मध्याह्नकाल में श्राद्ध करना श्रेष्ठ है। जब सूर्य की छाया पैरों पर पड़ने लगे।