रामलला के मुकुट के ठीक मध्य में भगवान सूर्य अंकित हैं। यह उत्तर भारतीय परंपरा में स्वर्ण निर्मित है।
गले में अर्द्धचन्द्राकार रत्नों से जड़ित कण्ठ सुशोभित है, जिसमें मंगल का विधान रचते पुष्प अर्पित हैं और मध्य में सूर्य देव बने हैं।
हृदय में कौस्तुभ मणि धारण है, यह शास्त्र-विधान है जिसमें भगवान विष्णु तथा उनके अवतार हृदय में कौस्तुभ मणि धारण करते हैं।
कण्ठ से नीचे तथा नाभि कमल से ऊपर पहनाया गया हार होता है, यह पदिका पांच लड़ियों वाला हार है।
गले में तीसरा और सबसे लंबा स्वर्ण से निर्मित हार है। फूलों की आकृति वाली वनमाला भी है।
दोनों भुजाओं में रत्नों से जड़ित मुजबंध, कलाई में कंगन और अंगुलियों में मुद्रिका पहनाई गई हैं।
कमर में करधनी में छोटी-छोटी 5 घंटियां भी लगाई गई हैं।
पैरों में छड़ा और पैंजनियां पहनाई गई है। चरणों में कमल सुसज्जित है। नीचे स्वर्णमाला भी है।
मयूर आकृतियों के कुंडल भी पहनें हैं। मस्तक पर मंगल हीरे माणिक का मंगल तिलक है।
भगवान के बाएं हाथ में स्वर्ण का धनुष है। दाहिने हाथ में स्वर्ण का बाण धारण कराया गया है।
उनके सम्मुख चांदी से निर्मित खिलौने रखे गए हैं। इन खिलौनों में झुनझुना, हाथी, घोड़ा, ऊंट, खिलौना गाड़ी तथा लट्टू शामिल हैं।