कबीर के 10 असरकारी दोहे
4 जून 2023 को कबीर जयंती है, आइए जानते हैं संत कबीर के लोकप्रिय दोहे...
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माला फेरत जुग गया, गया न मन का फेर। कर का मन का डारि दे, मन का मनका फेर॥
तिनका कबहुं ना निंदए, जो पांव तले होए। कबहुं उड़ अंखियन पड़े, पीर घनेरी होए॥
कबीर विषधर बहु मिले, मणिधर मिला न कोय। विषधर को मणिधर मिले, विष तजि अमृत होय।।
कबीर संगति साधु की, निष्फल कभी न होय। ऐसी चंदन वासना, नीम न कहसी कोय ।।
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय। माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय॥
कबीरा ते नर अंध है, गुरु को कहते और। हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहीं ठौर॥
माया मरी न मन मरा, मर-मर गए शरीर। आशा तृष्णा ना मरी, कह गए दास कबीर॥
दुख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय। जो सुख में सुमिरन करे तो दुख काहे होय॥
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