शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी से अमृत वर्षा होती है और यह खीर को अमृत तुल्य बना देती है। चलिए जानते हैं इसके हेल्थ बेनेफिट्स के बारे में
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वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार दूध में प्रचुर मात्रा में लैक्टिक एसिड पाया जाता है।
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दूध की खीर जब चांदनी रात में रखी जाती है तब यह अधिक मात्रा में चंद्रमा की किरणों को अवशोषित करती है।
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चंद्रमा के प्रकाश में कई तत्व होते हैं जो खीर को तत्वों से समृद्ध कर देते हैं।
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चावल से बनी खीर को चांदी के बर्तन में चांदनी रात में रखने पर यह पोषक तत्वों से समृद्ध हो जाती है।
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चांदी में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है जिसे खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है।
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अगर किसी भी व्यक्ति को चर्म रोग हो तो वो इस दिन खुले आसमान में रखी हुई खीर खाएं।
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इसे खाने से कफ और श्वास संबंधी बीमारी भी दूर होती है।
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इसके साथ ही इस दिन चांदनी रात में मिश्री रखने की सलाह भी दी जाती है।
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चांद की रोशनी सोखने वाली मिश्री पित्त से जुड़े रोगों के लिए औषधि का काम करती है।
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यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन होने पर औषधीय मिश्री और धनिया मिलाकर खाने से आराम मिलेगा।
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