इस दिन प्रभु श्रीराम के बाल रूप की दिन के अभिजीत मुहूर्त में पूजा और आरती करें।

बालक रामलला को झुले में विराजमान करके, झुले को सजाया जाता है तब पूजा करते हैं।

भगवान राम की मूर्ति को फूल-माला से सजाते हैं और स्थापित कर पालने में झुलाते हैं।

फिर श्री राम को खीर, फल, मिष्ठान, पंचामृत, कमल, तुलसी और फूल माला अर्पित करते हैं।

नैवेद्य अर्पित करने के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते हैं।

इस दिन पंचामृत के साथ ही पीसे हुए धनिये में गुड़ या शक्कर मिलाकर पंजीरी का प्रसाद बनाकर बांटते हैं।

इस दिन रामायण का पाठ करते हैं।

इस दिन रामरक्षा स्त्रोत भी पढ़ते हैं।

कई जगह भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है।

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