श्री सम्मेद शिखरजी तीर्थ को जानिए
जैन धर्म का सबसे पवित्र तीर्थ क्षेत्र है श्री सम्मेद शिखरजी, जानिए 10 खास बातें-
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यह तीर्थ स्थल झारखंड में गिरिडीह जिले में छोटा नागपुर पठार पर स्थित एक पहाड़ पर स्थित है। इस पहाड़ को पार्श्वनाथ कहा जाता है।
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इस पुण्य स्थल पर से जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों सहित लाखों जैन गुरुओं ने मोक्ष प्राप्त किया था।
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यहीं पर 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था।
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पार्श्वनाथजी ने 83 दिन कठोर तप के बाद 84वें दिन चैत्र कृष्ण चतुर्थी को यहां पर 'घातकी वृक्ष' के नीचे कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया।
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यहां पर पार्श्वनाथ पर्वत की परिक्रमा और वंदना करने के लिए मधुबन बाजार से चढ़ाई शुरू होती है।
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पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालु पैदल या डोली से जाते हैं। दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए वे 9 किलोमीटर की यात्रा तयकर शिखर पर पहुंचते हैं।
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यात्रा को पूरा करने में लगते हैं करीब 10 से 12 घंटे लगते हैं। रास्ते में भी कई भव्य व आकर्षक मंदिरों की श्रृंखलाएं देखने को मिलती हैं।
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मधुबन बाजार में ठहरने के लिए दिगंबर व श्वेताम्बर समाज की कोठियों के साथ भव्य व आकर्षक ठहराव स्थल भी हैं।
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फागुन महोत्सव में यात्रियों की भीड़ देखते ही बनती है। चैत्र माह में भी यहां पर यात्रा का आयोजन होता है।
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यहां पहुंचने के लिए दिल्ली-हावड़ा ग्रैंड कॉर्ड रेललाइन पर स्थित पारसनाथ रेलवे स्टेशन उतरना पड़ता है। स्टेशन से यह 22 किमी दूर है।
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