रंगपंचमी को करते हैं ये 10 कार्य

होली के बाद धुलेंडी और उसके बाद रंगपंचमी का पर्व मनाते हैं, जानें इस दिन क्या करते हैं-

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रंग पंचमी के दिन प्रत्येक व्यक्ति रंगों से सराबोर हो जाता है। सभी एक दूसरे को रंग लगाते हैं।

कई लोग इस दिन ताड़ी या भांग पीते हैं और नृत्य एवं गान का मजा लेते हैं।

इस दिन अलग-अलग राज्यों में अलग अलग पकवान बनाए जाते हैं।

शाम को स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद गिलकी के पकोड़े का मजा लिया जाता है।

पूरे मालवा प्रदेश में होली और रंगपंचमी पर जुलूस निकालने की परंपरा है, जिसे गेर कहते हैं।

यह त्योहार देवताओं को समर्पित है। मान्यता है कि कुंडली के बड़े से बड़े दोष को इस दिन पूजा आराधना से ठीक हो जाते हैं।

धनलाभ पाने और गृह कलेश दूर करने के लिए भी यह रंग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा होती है।

इस दिन श्री राधारानी और श्रीकृष्ण की आराधना की जाती है।

राधारानी के बरसाने में इस दिन उनके मंदिर में विशेष पूजा और दर्शन लाभ होते हैं।

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