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खुद के अपहरण का रचा नाटक

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सीहोर , बुधवार, 11 जनवरी 2012 (01:21 IST)
अपने पिता के डेढ़ लाख रुपए मौज- मस्ती में उड़ाने के बाद 45 वर्षीय पुत्र ने अपने अपहरण का नाटक रचा और उज्जैन चला गया, लेकिन कोतवाली पुलिस ने तत्परता बरतते हुए खुद का अपहरण करने वाले युवक को देवास से धर- दबोचा। युवक ने पुलिस के समक्ष अपनी करतूत को स्वीकार कर लिया है। प्राप्त जानकारी अनुसार शाजापुर जिले के अवंतीपुर बड़ोदिया थाने के अंतर्गत आने वाले ग्राम बगरावद में रहने वाले हरिचरण के 35 वर्षीय पुत्र देवराज ने पिछले दिनों अपने पिता के डेढ़ लाख रुपए मौज- मस्ती में उड़ा दिए थे। उस समय उसके पिता हरिचरण को उसकी यह करतूत मालूम नहीं हुई थी। सोमवार को हरिचरण ने अपने पुत्र देवराज को हाली के साथ ट्रैक्टर की ट्राली लेने के लिए सीहोर भेजा था। शहर पहुंचने के बाद देवराज सीहोर स्थित इंग्लिशपुरा से अचानक गायब हो गया था। दिन भर उसके हाली ने उसकी तलाश की, लेकिन जब कोई सुराग नहीं लगा तो हाली ने कोतवाली पहुंचकर देवराज के गुम होने की शिकायत दर्ज करा दी थी। पुलिस ने गुमशुदगी का प्रकरण दर्ज कर जब उसकी तलाश शुरू की तो पता चला कि उसके दोनों मोबाइल बंद आ रहे थे। पुलिस सोमवार की पूरी रात उसकी तलाश में जगह- जगह खाक छानती रही, लेकिन देवराज का कोई सुराग हाथ नहीं लगा। मंगलवार को पुलिस लगातार उसके मोबाइल को सर्च कर रही थी। आखिरकार देवराज ने मंगलवार को अपने मोबाइल से अपने मित्रों को फोन करते हुए खुद के देवास में होने की जानकारी दी। उसका कहना था कि जब वह सीहोर आया था तब किसी ने उसे कुछ सुंघाकर उसका अपहरण कर लिया था और मंदसौर ले गए थे, लेकिन वह अपहरणकर्ताओं को चकमा देकर वहां से भाग निकला और देवास पहुंच गया है। कोतवाली थाना प्रभारी सतीश महलवाला को जैसे ही यह सुराग हाथ लगा तो उन्होंने तत्काल सहायक उप निरीक्षक गिरीश दुबे को देवास रवाना किया जहां श्री दुबे ने देवराज को स्थानीय बस स्टैंड के समीप से पकड़ लिया। पूछताछ में उसने पहले तो अपने अपहरण किए जाने का नाटक किया, लेकिन कुछ ही देर बाद वह टूट गया और अपने अपहरण की झूठी कहानी बनाना स्वीकार कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ अपहरण की झूठी कहानी रचने के आरोप में प्रकरण दर्ज कर लिया है।


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