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महिलाओं की जिंदगी में हुए कोरोना के कारण ये 11 बड़े बदलाव

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वर्ष 2020 मनुष्य की जिंदगी में कई बड़े बदलाव लेकर आया, वहीं महिलाओं के जीवन में भी कोरोना का खासा असर देखा गया। लॉकडाउन के वक्त लोगों ने अपना सारा वक्त घर पर बिताया। ऐसे में कोरोना काल में लोगों ने अपना ज्यादा से ज्यादा समय अपने घर पर बिताया। वहीं महिलाएं बिना किसी शिकायत न जाने कितनी भूमिकाएं निभाती हुई नजर आईं। घर, ऑफिस, बच्चे व बहू न जाने कितने रूपों में महिलाएं खुद को साबित करती हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ बड़े 11 बदलाव, जो कोरोना काल में महिलाओं की जिंदगी में हुए।
 
1- कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान जब सभी लोग अपने घर पर ही अपना समय बिता रहे थे, तब महिलाएं मल्टी टास्कर की भूमिका में नजर आईं। घर के काम से लेकर घर में बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल रखने तक इन सभी जिम्मेदारियों को महिलाएं बखूबी निभा रही थीं। जब सबको आराम करने का मौका मिला, उस वक्त भी महिलाओं को अपने लिए समय नहीं मिल पाया।
 
2- लॉकडाउन हुआ तो घर के सदस्यों ने अपना सारा वक्त घर पर ही बिताया। ऐसे में पुराने विवादों ने फिर जन्म लिया और घर में पुरानी बातों को लेकर बहस शुरू हुई जिसका असर महिलाओं की जिंदगी पर भी पड़ा। पुराने मसले जीवन में तनाव लेकर आए।
 
3- कोरोना काल में बढ़ते घर के काम में हाथ बंटाने के लिए पुरुष आगे आए, लेकिन ये उनकी प्राथमिकता नहीं थी। ऐसे में घर के पूरे काम को मैनेज करते हुए अपने परिवार के अन्य सदस्यों का ख्याल रखना महिलाओं के लिए आसान नहीं रहा।
 
4- बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस में बच्चों के साथ माताओं की भी मेहनत रही। घर के सारे काम निपटाने के बाद बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस में समय देना ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। ऑनलाइन क्लासेस के वक्त उनके साथ बैठना, उनके प्रोजेक्ट बनाने में उनकी मदद करना। ऐसी चीजों को भी समझना, जो इससे पहले नहीं की हो। इन सभी बातों ने महिलाओं को काफी हद तक प्रभावित किया।
 
5- कोरोना के दौरान घर के सभी सदस्य पूरे वक्त घर पर ही रहे। ऐसे में महिलाओं का काम पहले से कई गुना बढ़ गया। हर वक्त इस बात का ख्याल रखना, अलर्ट रहना कि पति, बच्चे या घर के बुजुर्गों को किसी चीज की जरूरत तो नहीं ताकि उन्हें किसी तरह की कोई तकलीफ न हो।
 
6- लॉकडाउन हुआ तो पार्लर बंद हुए। खुद का ख्याल रखना और परफेक्ट नजर आना महिलाओं की प्राथमिकता में शामिल होता है। ऐसे में उनके जीवन पर इस बात का भी काफी प्रभाव पड़ा, क्योंकि वे खुद को हमेशा परफेक्ट देखना पसंद करती हैं।
 
7- जो महिलाएं वर्किंग हैं, उन्हें वर्क फ्रॉम होम मिला। वे घर की जिम्मेदारियों के साथ ऑफिस के वर्क को मैनेज कर रही हैं। ऐसे में उनकी चुनौतियां कई गुना ज्यादा बढ़ चुकी हैं।
 
8- बढ़ता तनाव, जिसने महिलाओं को काफी प्रभावित किया है। लगातार घर-ऑफिस के काम व इसके साथ ही घर में पुराने मसलों को लेकर हुए विवाद महिलाओं को तनावग्रस्त कर रहे हैं।
 
9- महिलाओं को खुद के लिए समय नहीं मिल पाना यानी 'मी टाइम'। ऐसे में महिलाएं खुद के लिए पर्याप्त समय नहीं निकाल पा रही हैं। सिर्फ घर और बच्चों व परिवार के अन्य सदस्यों का ख्याल रखते-रखते हुए ही उनका पूरा समय कब निकल जाता है, उन्हें खुद को पता नहीं चलता।
 
10- घर और ऑफिस दोनों को मैनेज करने के चलते महिलाएं देर तक जागकर काम कर रही हैं। ऐसे में पूरी नींद न होने के कारण इसका सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर साफ दिखाई पड़ रहा है।
 
11- लंबे वक्त तक एक ही जगह बैठकर काम करने की वजह से महिलाओं को कंधे व पीठदर्द की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिसे वे नजरअंदाज करके अपने दूसरे कामों को निपटाती हैं। ऐसे में यह समस्या आगे चलकर दूसरी बड़ी समस्या का रूप ले सकती है। इसलिए जरूरत है कि सही समय पर उसका उचित इलाज किया जाए।
 
 

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