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महामुकाबले के लिए तैयार भारत-पाकिस्तान

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मोहाली , मंगलवार, 29 मार्च 2011 (13:12 IST)
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करोड़ों उम्मीदों का बोझ लिए भारत और पाकिस्तान अपने क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े मुकाबले के लिए तैयार हो चुके हैं। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मौजूदगी में जब भारत और पाकिस्तान की टीमें बुधवार को यहाँ विश्वकप के दूसरे सेमीफाइनल में आमने-सामने होंगी तब सीमा के आरपार जैसे जिंदगी थम जाएगी।

विश्वकप के सेमीफाइनल के लिए इस समय भारत और पाकिस्तान में रोमांच अपने चरम पर पहुँच चुका है और दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों, राजनेताओं तथा क्रिकेट प्रशंसकों की मौजूदगी में यह मैच किसी महासंग्राम से कम नहीं होगा।

विश्वकप का यह ड्रीम सेमीफाइनल है जिसमें भारत की बल्लेबाजी और पाकिस्तान की गेंदबाजी ताकत में जबरदस्त मुकाबला होगा। यह ऐसा मुकाबला है जिसमें कोई भी टीम हार बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है। भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और पाकिस्तान के कप्तान शाहिद अफरीदी इस बात को भलीभाँति जानते हैं कि इस मुकाबले को जीतकर फाइनल में पहुँचना उनके लिए कितना मायने रखता है।

जब से इन दोनों चिरप्रतिद्वंद्वी देशों के बीच सेमीफाइनल मुकाबला तय हुआ है तब से क्रिकेट के मैदान से लेकर सट्टे के बाजार तक बहुत कुछ दाँव पर लग चुका है। भारत 1983 का चैंपियन है जबकि पाकिस्तान 1992 का। हालाँकि विश्वकप का पिछला रिकॉर्ड पूरी तरह भारत के पक्ष में है लेकिन मोहाली के पीसीए स्टेडियम का रिकॉर्ड पाकिस्तान के पक्ष में है।

दोनों टीमों के खिलाड़ी इस महामुकाबले के लिए अपने अभ्यास में दिन रात एक किए हुए हैं और उस हर रणनीति पर दोनों टीमें विचार कर रही हैं जिससे एक दूसरे को मात दी जा सके। भारत ने विश्वकप में पाकिस्तान से अपने पिछले सभी चारों मुकाबले जीते हैं और उसे मालूम है कि बड़े मुकाबले में पाकिस्तान को कैसे शिकस्त दी जा सकती है।

दोनों टीमों के बीच जुबानी जंग तो पहले ही चल रही है। इस मुकाबले में भारत की बल्लेबाजी और पाकिस्तानी की गेंदबाजी ताकत की परीक्षा होनी है। भारत ने टूर्नामेंट में अब तक अपने बल्लेबाजों के दम पर ही जीत हासिल की है। उसके तीन बल्लेबाज टूर्नामेंट के 10 शीर्ष स्कोररों में शामिल हैं।

भारत की ओपनिंग जोड़ी सचिन तेंडुलकर (379 रन) और वीरेंद्र सहवाग (342 रन) का टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ ओवरऑल स्ट्राइक रेट है। मध्यक्रम में गौतम गंभीर और अपनी जिंदगी के सबसे बेहतरीन दौर से गुजर रहे युवराज सिंह (341 रन) भारतीय बल्लेबाजों को मजबूत किए हुए हैं।

भारत की जीत का दारोमदार इन्हीं बल्लेबाजों के कंधों पर टिका हुआ है। इस निर्णायक मुकाबले में कप्तान धोनी अपनी पुरानी लय में लौट आए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा। लेकिन इन बल्लेबाजों को पाकिस्तानी के गेंदबाजी आक्रमण खासकर तेज गेंदबाज उमर गुल और पाकिस्तानी कप्तान अफरीदी की लेग स्पिन गेंदों से बचना होगा।

टीम इंडिया के कोच गैरी कर्स्टन अपने खिलाड़ियों को पाकिस्तान से जीतने का मूलमंत्र बता चुके हैं। लेकिन यह खिलाड़ियों पर निर्भर है कि वे मैदान में कोच के दिशानिर्देशों को किस तरह अमल में लाते हैं।

भारत ने ग्रुप चरण में लड़खड़ाहट दिखाई थी लेकिन इसके बाद उसने अंतिम ग्रुप मुकाबले में वेस्टइंडीज के खिलाफ और फिर क्वार्टर फाइनल में गत तीन बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की।

भारत की यदि फिलहाल कोई कमजोरी है तो वह स्लाग ओवरों की है जहाँ पर बल्लेबाज खासतौर पर बल्लेबाजी पावरप्ले में लड़खड़ा जाने की अपनी कमजोरी से अब तक नहीं उबर पाए हैं। भारत को अपनी इस कमजोरी को पाकिस्तान की मजबूत गेंदबाजी को देखते हुए दूर कर लेना होगा। वरना उमर की रिवर्स स्विंग उन्हें परेशानी में डाल सकती है।

भारत के चार बल्लेबाज सचिन दो शतक और सहवाग, कोहली तथा युवराज टूर्नामेंट में एक-एक शतक बना चुके हैं और इनमें से यदि एक भी बल्लेबाज पाकिस्तान के खिलाफ शतक ठोक देता है तो भारत की जीत का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

पाकिस्तानी कप्तान अफरीदी ने सचिन को 100वें शतक से रोकने के लिए जो कुछ कहा वह उल्टे उनके गले भी पड़ सकता है। बल्लेबाजी के मुकाबले भारत की गेंदबाजी अभी उतनी मजबूत नहीं दिखाई दे रही है। बाएँ हाथ के तेज गेंदबाज जहीर खान और पार्ट टाइम लेफ्टआर्म स्पिनर युवराज सिंह ने ही विकेटों के मामले में भारत को संभाले रखा है।

जहीर के खाते में जहाँ 17 विकेट हैं वहीं युवराज के पास 11 विकेट हैं। पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में भारतीय एकादश में परिवर्तन की संभावना कम दिखाई देती है और कप्तान धोनी संभवतः उसी एकादश के साथ उतरेंगे जिसने क्वार्टर फाइनल में चार बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को बाहर कर दिया था।

हालाँकि मुख्य स्पिनर हरभजन सिंह अभी तक अपनी पूरी क्षमता के साथ गेंदबाजी नहीं कर पाए हैं लेकिन जब पाकिस्तान जैसा प्रतिद्वंद्वी उनके सामने होगा तो निश्चित रूप से उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकलकर सामने आएगा। दूसरे ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने उन्हें मिले दो मौकों को पूरी तरह भुनाया है और वह एक बार फिर इस मैच में तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं।

दूसरी तरफ पाकिस्तानी टीम इस विश्वकप में अपने कप्तान अफरीदी के प्रेरणादायी प्रदर्शन के कारण उत्साह से पूरी तरह लबरेज है। अफरीदी ने पाकिस्तान की बिखरी हुई टीम को एक सूत्र में पिरोकर उसमें जो आत्मविश्वास का मंत्र फूँका है वह इस टीम की सबसे बड़ी ताकत बन गया है।

पाकिस्तानी सीनियर बल्लेबाज मिस्बाह उल हक ने कहा कि उन्हें मैदान में आक्रामकता की जरूरत थी और अफरीदी ने वही आक्रामकता दिखाकर टीम को प्रेरित किया है। टीम को जब जरूरत होती है वह विकेट ले रहे हैं और साथ ही वह हर खिलाड़ी के समर्थन में भी खड़े हैं जिससे खिलाड़ियों को अपना शत-प्रतिशत प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिल रही है।

पाकिस्तान की बल्लेबाजी विश्वकप में बहुत खास नहीं रही है और उसका एक भी बल्लेबाज टूर्नामेंट में शतक नहीं बना पाया है लेकिन मिस्बाह का कहना है कि उनके लिए शतक से ज्यादा महत्वपूर्ण जीतना है। उन्होंने कहा यदि हम कोई शतक लगाए बिना मैच जीत जाते हैं तो हमारे लिए इससे बढ़िया बात और कोई नहीं हो सकती।

फिलहाल अभी यह भी तय नहीं है कि पाकिस्तान इस निर्णायक मुकाबले में तेज गेंदबाज शोएब अख्तर को खेलाएगा या नहीं। हालाँकि अफरीदी ने यह संकेत दिया था कि वह अख्तर को खेलाने के बारे में सोच सकते हैं। इस महामुकाबले में दोनों टीमों के खिलाड़ी निश्चित ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे लेकिन यहाँ जीत उसी के हाथ ही लगेगी तो भारत-पाक मुकाबले के भयंकर दबाव को झेल पाने में कामयाब होगा।

इस मैच में खिलाड़ियों के धैर्य और संयम की पूरी परीक्षा होगी। सीमा के आर पार भावनाओं का जितना तूफान उठ रहा होगा, उससे कहीं ज्यादा तूफान खिलाड़ियों के दिलों में होगा और जो टीम इस तूफान को काबू में कर सकेगी वहीं दो अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खिताबी मुकाबला खेलेगी। (वार्ता)

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