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विकारों को दूर करता है योग

योग में प्राणायाम का महत्व

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, मंगलवार, 27 दिसंबर 2011 (14:32 IST)
योग मनुष्य के लिए वरदान हैं, क्योंकि इससे न केवल हमारे शरीर के रोग और विकार दूर होते हैं, बल्कि मानसिक और इंद्रीय संतुलन भी सुदृढ़ होता है। इससे शरीर में ऊर्जा का भी विकास होता है।

बिसालपुर के पतंजलि सेवा के योग गुरु गोविंद तिवारी ने कहा बताया कि सभी योगा अपना अलग-अलग महत्व होता है। भस्त्रिका, कपालभाति, उज्जायी, अनुलोम -विलोम, भ्रामरी, उदघृत और प्रणव प्राणायाम- योग गुरु श्री तिवारी ने बताया कि उक्त आठ प्राणायाम से 99 प्रतिशत बीमारियां और शरीर के विकार दूर हो जाते हैं।

बनता है इंसूलिन : कपाल भाति और अनुलोम-विलोम के बारे में बिसालपुर के पतंजलि सेवा के योग गुरु गोविंद तिवारी ने कहा कि इस प्राणायम से शरीर के अंदर पैंक्रियास का विकास होता है, जो इंसूलिन बनाती है। इससे शुगर की समस्या से निजात मिलता है। यही नहीं ब्लड प्रेशर को भी यह कंट्रोल करता है। खासकर कपाल भाति से पेट से संबंधित विकार दू रहो जाते हैं। लिवर, किडनी भी स्ट्रांग रहता है।

होता है मानसिक विकास : योग का अभ्यास कराने के साथ ही साथ तिवारी ने योग के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि भस्त्रिका, कपालभाति, उज्जयी शरीर के 40 प्रतिशत इंद्रियों का विकास करता है तो अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, प्रणव और उदघृत से 30 प्रतिशत मानसिक विकास होता है। योगधारा शिविर में 40 से 50 की संख्या में महिला, पुरुष और युवा वर्ग के लोग शामिल हुए। -नईदुनिया योगाधारा शिविर बिलासपुर से साभार

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