शहर से 4 किलोमीटर दूर स्थित खूनी भंडारा में चारों ओर अव्यवस्था का आलम देखा जा रहा है। यहाँ लगाए गए झूलों का इस्तेमाल पर्यटक नहीं कर पा रहे हैं। साथ ही यहाँ असामाजिक तत्वों ने अपना अड्डा बना लिया है। खूनी भंडारा को देखने दूर-दूर से पर्यटक पहुँचते हैं, लेकिन उन्हें यहाँ हर तरफ अव्यवस्था का नजारा देखने को मिल रहा है। यहाँ लगाए गए झूले अस्त-व्यस्त अवस्था में पड़े हुए हैं। यह आश्चर्य का विषय है कि यहाँ लगे झूले चल रहे हैं या नहीं इसकी सुध लेना भी नगर निगम उचित नही समझ रहा है। दूसरी ओर उद्यान में जगह-जगह शराब पार्टी होने के भी प्रमाण देखे जा सकते हैं। यत्र-तत्र शराब की बोतलें पड़ी दिखाई दे रही हैं। इस ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने के लिए नगर निगम प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।