डर सबको लगता है। यह बहुत स्वाभाविक भी है लेकिन इस डर से पार पाना भी हमारे लिए संभव है। जिसने इस डर से मुक्ति पा ली वह विजयी है क्योंकि डर के आगे ही जीत है।
माउंटेन ड्यू कोल्ड ड्रिंक्स के एक एड में एक सैन्य अभ्यास दिखाया गया है जिसमें एक नया सैनिक पानी में कूदने से डरता है। 'डर सुनने में तो छोटा-सा लगता, पर जब लगता है, तो बहुत लगता है, डर सबको लगता है, गला सबका सूखता है और रास्ते सिर्फ दो ही होते हैं, भिड़ो या भागो। आज भागे तो हमेशा भागते रहोगे और भिड़े तो जीतोगे क्योंकि 'डर के आगे जीत है'।
इस विज्ञापन की पंचलाइन हर युवा को बता रही है कि जीवन में किसी भी डर का सामना करने पर आगे जीत है। लेकिन इस जीत के मायने हर युवा के लिए अलग-अलग हैं। कोई पढ़ाई के डर को दूर कर अच्छे नंबर पाना चाहता है, तो कोई युवा बेहतर डिग्री के बाद अच्छी नौकरी पाने के लिए इंटरव्यू के डर पर जीत पाकर आगे बढ़ना चाहता है। 'युवा' ने ऐसे ही कुछ युवाओं से जानी 'डर के आगे जीत' पर उनकी राय।
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स्टूडेंट राजेश शर्मा कहते हैं कि किसी भी कार्य की शुरुआत करने से पहले हर इंसान को डर लगता है। लेकिन युवाओं में एक्जाम के समय ठीक ढंग से पढ़ाई न करने की वजह से पास न होने का डर कुछ ज्यादा ही होता है। लेकिन किसी तरह से दिन-रात पढ़ाई करने पर हम उस डर पर जीत हासिल करने में कामयाब होकर पास हो जाते हैं। मुझे लगता है कि हमें डर से अधिक नहीं डरना चाहिए। उसका सामना कर उस पर जीत हासिल करना चाहिए।
स्टूडेंट करुणा निगम कहती हैं कि किसी भी स्टूडेंट के लिए डिग्री पूरी करने के बाद एक अच्छी नौकरी पाने का सपना होता है। लेकिन किसी कंपनी में पहुँचने के लिए साक्षात्कार में पास न होना उसके डर का सबसे बड़ा कारण होता। कई स्टूडेंट अपने को अपडेट रखकर और पर्सनालिटी डेवलपमेंट के सहारे इस डर पर जीत पाकर आगे बढ़ जाते हैं।