जिला अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं होने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बुधवार शाम को यहाँ उपचार के लिए लाए गए एक बालक को गंभीर हालत में ही दाहोद रैफर करना पड़ा। इस बालक की पलक के समीप लकड़ी का एक टुकड़ा घुस गया था।
अस्पताल में डॉ. आर. मंडल और डॉ. सचिन पाटीदार ने बालक राजू पिता भुवान (7) निवासी सेजगाँव का प्राथमिक उपचार कर दाहोद रैफर किया। जागरूक नागरिक मंच ने नेत्र चिकित्सक की नियुक्ति की माँग मुख्यमंत्री, जिले के प्रभारी मंत्री व कलेक्टर से की है।
ज्ञात रहे कि जिला अस्पताल में कई सालों से नेत्र वार्ड बना हुआ है, किंतु आरंभ से ही यहॉं नेत्र चिकित्सक न होने से प्रतिदिन नेत्र रोगियों को उपचार के लिए दाहोद, बड़ोदरा, इंदौर, बड़वानी, अहमदाबाद आदि शहरों की ओर रुख करना पड़ता है।
जागरूक नागरिक मंच के अध्यक्ष विक्रम सेन, मीडिया प्रभारी दीपक दीक्षित आदि ने बताया कि जिला अस्पताल में अन्य कई चिकित्सकों के पद भी रिक्त हैं। जिला अस्पताल की समस्याओं को लेकर 'मुख्यमंत्री ऑन लाइन' में शिकायत की जा चुकी है। जिले के प्रभारी व स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री महेंद्र हार्डिया को पूर्व में अवगत करा चुके हैं।
सिविल सर्जन डॉ अनुसूइया गवली ने 'नईदुनिया' को बताया कि अस्पताल में नेत्र चिकित्सक के अलावा निश्चेतना विशेषज्ञ एवं अन्य कई चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हैं जिनके बारे में समय -समय पर शासन को पत्र लिखे जा चुके हैं, किंतु अभी तक चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की गई है। जिला अस्पताल में नेत्र का उपचार कराने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में ग्रामीण अंचल से रोगी आते हैं, लेकिन उन्हें निराश लौटना पड़ता है।