Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

रफ्तार से दोस्ती है F1

- गायत्री शर्मा/आकांक्षा दुबे

Advertiesment
हमें फॉलो करें फॉर्मूला 1
रफ्तार ऐसी, जो आपकी साँसों को थमने पर मजबूर कर दे और रोमांच ऐसा, जो आपके रोंगटे खड़े कर दे। रफ्तार से जमीन पर हवाओं की धुंध उड़ाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी सिंगल सीटर ऑटो कार रेस फॉर्मूला 1 वर्ल्ड चैंपियनशिप की भारत में उल्टी गिनती आरंभ हो चुकी है। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि रफ्तार और रोमांच की इस रेस का साक्षी बनने वाला हर दर्शक इस प्रतिस्पर्धा को देख अपने दाँतों तले उँगलियाँ दबा लेंगे। उम्मीद है कि भारत में पहली बार आयोजित होने वाली फॉर्मूला 1 रेस 'फॉर्मूला 1 एयरटेल ग्रां प्रि ऑफ इंडिया' इस देश की सरजमी पर भी विकास, रफ्तार और तकनीक के नवीन कीर्तिमान स्थापित करेगी।
ND

फेडरेशन इंटरनेशनल डी ऑटोमोबिल (एफआईए) द्वारा संचालित की जाने वाली सिंगल सीटर ऑटो रेसिंग स्पर्धा दुनियाभर में ऑटो रेसिंग की सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धा है। इसे फॉर्मूला 1 और F1 नाम से भी जाना जाता है। यह दुनिया की सबसे तेज सर्किट रेसिंग कार की प्रतिस्पर्धा है। इस रेस में भाग लेने वाली कारें दुनिया की बेहतरीन कारों में शुमार होती है। 1950 से अस्तित्व में आई फार्मूला वन रेसिंग की वर्ल्ड चैंपियनशिप को इसके अलग-अलग सीजन के नाम से जाना जाता है। वर्ष 2011 में दुनियाभर में 19 ग्रांप्रि आयोजित होना है। ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, चीन, टर्की, स्पेन, मोनेको, कनाडा, योरप, ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, हंगरी, बेल्जियम, इटली, सिंगापुर, जापान और कोरिया के बाद भारत में आयोजित होने वाली ग्रांप्रि इस सीजन की 17 वीं ग्रांप्रि होगी। वर्ष 2011 सीजन की अंतिम दो ग्रांप्रि अभी बाकी हैं।

एफ 1 रेसिंग ट्रैक
फॉर्मूला 1 रेस के लिए एक विशेष गुणवत्तापूर्ण ट्रैक की आवश्यकता होती है। करोड़ों-अरबों रुपए की लागत से बनने वाले इस रेसिंग ट्रैक के लिए कई मापदण्डों व मानकों को ध्यान में रखा जाता है। भारत में पहली बार आयोजित होने वाली एफ 1 रेस का ट्रैक ग्रेटर नोएडा में बनाया गया है, जिसे बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट का नाम दिया गया है। 875 एकड़ में फैले, 5.14 किलोमीटर लंबे व 60 लैप वाले इस विशेष सर्किट का निर्माण जर्मन ऑर्किटेक हर्मन टिक्के के मार्गदर्शन में किया गया है। हर्मन टिक्के दुनियाभर में सर्वाधिक फॉर्मूला वन सर्किट डिजाइन करने वाले मशहूर ऑर्किटेक हैं।

एफ 1 कार
फॉर्मूला 1 रेस के लिए कार निर्माता कंपनियों द्वारा विशेष प्रकार की कारें डिजाइन की जाती हैं। इन कारों के इंजन, टायर व अन्य पुर्जे साधारण कारों के मुकाबले विशेष गुणवत्ता व क्षमता वाले होते हैं। 2.4 लीटर क्षमता वाले फॉर्मूला 1 कार के इंजन में 8 सिलेंडर होते हैं। इन कारों की गति हमारी कल्पनाओं से परे होती है, जो लगभग 300 किमी प्रति घंटा से अधिक होती है। इन कारों के इंजन का आरपीएम 18000 होता है। एयरोडायनामिक्स के नियमों का इस्तेमाल करके एफ 1 कार अधिक गति व मोड़ पर जमीन से टिके रहती है। एफ 1 कार को डिजाइन करते समय यह प्रयास किया जाता है कि कार कम से कम वजनी हो। ड्राइवर सहित फॉर्मूला 1 कार का वजन लगभग 620 किलोग्राम होता है।

मूल्यांकन पद्घति
फॉर्मूला वन रेसिंग की वर्ल्ड चैंपियनशिप को इसके अलग-अलग सीजन के नाम से जाना जाता है। हर सीजन में ड्राइवर और कंस्ट्रक्टर चैंपियनशिप होती है। इसमें कंस्ट्रकर की भूमिका में कार को कंस्क्ट्र करने वाली टीम के सदस्य होते हैं। हर सीजन में प्रत्येक टीम के दो ड्राइवर ट्रैक पर उतरते हैं। किसी सीजन की हर रेस में टॉप 10 पोजीशन पाने वाले ड्राइवरों को अलग-अलग अंक दिए जाते हैं। पहले स्थान पर आने वाले ड्राइवर को 25, दूसरे स्थान वाले को 18, तीसरे को 15, चौथे को 12, पाँचवें को 10, छठे को 8, सातवें को 6, आठवें को 4, नौवें को 2 और दसवें स्थान पर आने वाले ड्राइवर को 1 अंक दिया जाता है। वर्गीकृत होने के लिए ड्राइवर को 90 प्रतिशत रेस पूरी करना जरूरी होता है।

एफ 1 रेस के दौरान दुखद मौत
1950 से लेकर अब तक फॉर्मूला 1 रेस के क्वालिफाइंग या टूर्नामेंट के दौरान 47 ड्राइवरों की मौत हो चुकी है। इनमें से दो ड्राइवर फॉर्मूला 1 के वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं। 1964 से 1970 तक फॉर्मूला 1 रेसों में सक्रिय रहने वाले जर्मन ड्राइवर व ऑस्ट्रियन नागरिक कार्ल जोशन रिंट की 1970 की इटैलियन ग्रांप्रि के दौरान मौत हो गई। रिंट ने अपने करियर के दौरान लोटस फोर्ड, ब्राभम-बीआरएम, कूपर-क्लाइमेक्स, कूपर-मसेराती और ब्राभम-रेप्को टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए 62 फॉर्मूला वन रेसों में 60 बार विनर, 13 बार पोडियम, 10 बार पोल पोजीशन और 3 बार फास्टेस्ट लैप्स किया था। 1988, 1990 और 1991 में फॉर्मूला 1 चैंपियनशिप को अपने नाम करने वाले ब्राजीलियन नागरिक आयर्टन सेना की दुखद मृत्यु 1994 में आयोजित सेंट मेरिनो ग्रांप्रि के दौरान रेसिंग ट्रैक पर टेंबुरिलों कॉर्नर पर हुई। आयर्टन सेना वर्तमान एफ वन ड्राइवर ब्रूनो सेना के अंकल थे। टोलेमोन, लोटस, मेक्लारेन और विलियम्स टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले आयर्टन ने अपने करियर की 162 एफ वन रेसों में 161 बार स्टार्ट, 41 बार विजेता, 80 बार पोडियम, 65 बार पोल और 19 बार फास्टेस्ट लैप्स किया था।

एफ 1 के खतरनाक सर्किट
7 दुर्घटनाओं के साथ अमेरिका का इंडियाना पोलिस सर्किट पहले नंबर का, 5 दुर्घटनाओं के साथ जर्मनी का नरबर्गिग सर्किट, 3-3 दुर्घटनाओं के साक्षी बन चुके इटली के मोडेना ऑटोड्रोम व ऑटोड्रोम नेजियोनेल मोंजा, इंग्लैंड के सिल्वरस्टोन व ब्रैंड्‌स हैच हैं।

फॉर्मूला 1 के बारे में रोचक जानकारी
1. फॉर्मूला 1 कार में लगभग 80,000 कंपोनेंट होते हैं। इनको बड़ी ही सावधानीपूर्वक कार में लगाया है। एफ 1 कार की एक्यूरेसी पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाता है। इन कारों की एक्यूरेसी लगभग 99.9 प्रतिशत होती है।

2. एक ग्रांड प्रिक के दौरान फॉर्मूला 1 कार का ड्राइवर लगभग 2800 बार कार के गियर बदलता है।

3. फॉर्मूला 1 कार के टायर विशेष प्रकार के चौड़े व चिकने टायर होते हैं। इसमें नाइट्रोजन गैस भरी होती है, जो टायर में दबाव को सामान्य बनाए रखती है।

4. फॉर्मूला 1 कार के ड्राइवर का वजन हर रेस में लगभग 4 किलोग्राम तक कम होता है, क्योंकि उसे कार में रेस के दौरान अधिक तापमान व गुरुत्वाकर्षण बल का सामना करना होता है।

5. फॉर्मूला 1 की एक रेस के दौरान कार से टीम मॉनिटर को 1 एमबी का डेटा प्रति सेकंड ट्रांसफर होता है।
6. साधारण कार के टायर की क्षमता 60,000 से 1,00,000 किमी तक होती है, जबकि रेसिंग कार के टायर की क्षमता महज 90 से 120 किमी की होती है।

7. रेसिंग कार में बैठने के लिए ड्राइवर को कार का स्टेयरिंग व्हील निकालना होता है।

8. रेस के पूर्व ड्राइवर अधिक से अधिक पानी पीता है, क्योंकि रेस के दौरान ड्राइवर के शरीर से 2 से 3 लीटर पानी कम हो जाता है।

9. कार के पिट स्टॉप पर 3 सेकंड में टीम के सदस्यों द्वारा टायरों को बदलने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है। फॉर्मूला 1 कार रेस के दौरान कार में ईंधन भरने के लिए रिफ्यूलर का प्रयोग किया जाता था, जो 12 लीटर प्रति सेकंड की गति से कार में ईंधन भरता है।

10. फॉर्मूला 1 रेसिंग कार ड्राइवर गियर चैंज करना, रिवर्स लिमिटर अप्लाय करना, फ्यूल एडजेस्ट करना, ब्रेक का प्रेशर बदलना और रेडियो को कॉल करना आदि बहुत से कार्य स्टेयरिंग व्हील की मदद से कर सकता है।

11. फॉर्मूला 1 रेसिंग कार के ईंधन टैंक की क्षमता इस वर्ष 120 लीटर से बढ़ाकर 235 लीटर कर दी गई है, क्योंकि अब रेस के दौरान रिफ्यूलिंग को बंद कर दिया गया है।

1950 से अब तक के फॉर्मूला 1 ड्राइवर चैंपियंस
1. नीनो फेरिना (1950), 2. अलर्बटो एस्करी (1952-53), 3. हूआन मैनुएल फेंजियो (1951, 1954, 1957), 4. माइक हॉथोर्न (1958), 5. फिल हिल (1961), 6. जॉन सुर्टीस (1964), 7. जिम क्लार्क (1963, 1965), 8. जैक ब्राभम (1959, 1960, 1966), 9. डेनी हूल्म (1967), 10. ग्राहम हिल (1962, 1968), 11. जोशेन रिंड (1970), 12. जैकी स्टूअर्ट (1969, 1971, 1973), 13. एमर्सन फिटिपल्डी (1972, 1974), 14. जेम्स हंट (1976), 15. मारियो एंड्रेटी (1978), 16. जॉडी शेक्टर (1979), 17. एलेन जॉन्स (1980), 18. केके रोजबर्ग (1982), 19. निकी लॉडा (1975, 1977, 1984), 20. नेलसन पिके (1981, 1983, 1987), 21. आयर्टन सेना (1988, 1990-91), 22. नाइजल मैन्सल (1992), 23. एलेन प्रॉस्ट (1985-86, 1989, 1993), 24. डेमन हिल (1996), 25. जैक विलनव (1997), 26. मिका हैकिनेन (1998-99), 27. माइकल शूमाकर (1994-95, 2004), 28. फर्नांडो अलोंसो (2005-06), 28. किमि राइकिनन (2007), 29. लुईस हैमिल्टन (2008), 30. जेंसन बटन (2009), 31. सेबेस्टियन वेटल (2010, 2011)

इस सीजन की टीम व ड्राइवर
2011 एयरटेल इंडियन ग्रां प्रि में दुनियाभर की 12 टीमें भाग ले रही हैं। इनमें रेड बुल रेसिंग टीम की ओर से सेबेस्टियन वेटल और मार्क वेबर, मेक्लॉरेन की ओर से लुईस हेमिल्टन और जेंसन बटन, फरारी की ओर से फर्नांडो अलोंसो और फिलिपे मासा, मर्सिडीज की ओर से माइकल शूमाकर और निको रोसबर्ग, रेनो की ओर से ब्रूनो सेना और विताली पेट्रोव, फोर्स इंडिया की ओर से एड्रियन सूटिल, पॉल डि रेस्टा, सॉबर की ओर से कमुयी मोबायाशी और सर्जियो पेरेस, टोरो रोसो की ओर से सेबेस्टियन ब्रूएमी और हेमी एलग्विरश्वॉरी, विलियम्स की ओर से रूबिन्स बेरिकेलो और पेस्टर मेल्डोनाडो, टीम लोटस की ओर से हाइकी कोवलाइनन और यार्नो ट्रूली, एचआरटी की ओर से डेनियल रिकिआर्डो और वेटानेटोरियो लियूट्‌जी तथा वर्जिन की ओर से टीमो ग्लॉक तथा जिरोम डी एंब्रोसियो टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे।

इन जाँबाजों को है सलाम
webdunia
ND
1. माइकल शूमाकर
जर्मनी के माइकल शूमाकर ने 285 फॉर्मूला वन रेसों में भाग लेकर 7 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप और 91 बार विजेता बनने का गौरव हासिल किया है। शूमाकर ने 154 बार पोडियम पोजीशन और पोल पोजीशन से 68 रेस शुरू की।

webdunia
ND
2. हूआन मैनुअल फेंजिओ
माइकल शूमाकर के बाद नाम आता है अर्जेंटीना के फॉर्मूला 1 रेसिंग कार ड्राइवर हूआन मैनुअल फेंजिओ का, जो पाँच बार 1951, 1954, 1955, 1956 और 1957 में वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतकर दूसरे स्थान पर हैं। इनकी मृत्यु 17 जुलाई 1995 को हो चुकी है।

webdunia
ND
3. एलेन प्रोस्ट
फ्रेंच नागरिक एलेन प्रोस्ट ने मेक्लॉरेन, रेनॉल्ट, फरारी और विलियम्स टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए 1985, 1986, 1989 और 1993 सीजन में चार बार वर्ल्ड चैंपियन का खिताब अपने नाम किया है। 202 फॉर्मूला 1 रेसों में भाग ले चुके एलिन 51 में विजेता, 106 में पोडियम और 33 में पोल पोजीशन पर रहे हैं।

webdunia
ND
4. जैक ब्राभम
ऑस्ट्रेलियाई नागरिक जैक ब्राभम ने तीन बार 1959, 1960 और 1966 सीजन में फॉर्मूला 1 चैंपियनशिप को जीता है। ब्राभम ने128 रेसों में 14 में विजेता, 31 में पोडियम, 13 में पोल पोजीशन और 12 में फास्टेस्ट लेप्स किया है।

webdunia
ND
5. जैकी स्टुअर्ट
ब्रिटिश नागरिक जैकी स्टिवर्ट ने तीन बार 1969, 1971 और 1973 में वर्ल्ड चैंपियनशिप को अपने नाम किया है। जैकी ने 100 रेसों में 27 में विजेता, 43 में पोडियम, 17 में पोल पोजीशन और 15 में फास्टेस्ट लेप्स किया है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi